दिल्ली: ट्विटर के पूर्व संस्थापक रहे जैक डोर्सी ने भारत सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. जिसके बाद से ही सरकार सख्ते में आ गई है. पक्ष–विपक्ष में आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है. डार्सी का दावा है कि, किसान आंदोलन के दौरान भारत की ओर से ट्विटर पर दबाव बनाए गए थे और सिफारिश की गई थी की कई ट्विटर अकाउंट्स को तत्काल बंद कर दिया जाए. वहीं अब इस आरोप के बाद से विपक्ष की मानो चांदी हो गई है. और विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरु कर दिया है.
वहीं अब इस मुद्दे को कांग्रेस ने आढ़े हाथों लिया है. इसी के साथ उन्होंने तुर्किए पर भी निशाना साधा है. और बताया की तुर्किए में भी भारत जैसे ही बर्ताव हुए. वहां की सरकार ने भी ट्विटर को बैन करने की धमकी दे चुकी है. कई मामलों में हमें कोर्ट तक जाना पड़ा है लेकिन शुक्र है कि हम जितनी बार गए हैं हमारी ही जीत हुई है.
किसानों ने किया डार्सी का समर्थन
वहीं इस मामले में राकेश टिकैत ने जैक डार्सा का समर्थन करते हुए कहा कि ट्विटर के पूर्व सीईओ द्वारा कहा गया कि भारत सरकार के द्वारा किसान आंदोलन के दौरान जो टि्वटर अकाउंट आंदोलन का समर्थन करते थे उन्हें बंद करने का दबाव बनाया गया, अगर यह हाल अंतर्राष्ट्रीय माध्यमों का है तो देश की न्यूज़ एजेंसी का क्या हाल होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि उस समय भी हमें जानकारी थी कि किसान आंदोलन की जितनी पहुंच फेसबुक और ट्वीटर पर आनी चाहिए वो नहीं आ रही थी.
सरकार ने ठहराया डार्सी के दावों को गलत
जैक डोर्सी के आरोपों पर अब सरकार ने पलटवार किया है. भारत के आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट करते हुए जैक डोर्सी के आरोपों को झूठा करार दिया है. साथ ही जैक डोर्सी पर भारत के प्रति पक्षपातपूर्ण और भेदभाव भरा व्यवहार करने का भी आरोप लगाया है.