World Chess Championship Final: सिंगापुर में आज से शतरंज की सबसे बड़ी जंग शुरू हो रही है, जहां भारत के ग्रैंडमास्टर डी गुकेश और चीन के डिंग लिरेन के बीच विश्व चैंपियन बनने की भिड़ंत होगी। इस खिताबी मुकाबले का विजेता 25 लाख डॉलर (करीब 21 करोड़ भारतीय रुपये) की विशाल इनामी राशि का हकदार होगा।
ग्रैंडमास्टर डी गुकेश पर भारतीय शतरंज प्रेमियों की बड़ी उम्मीदें हैं। वह इस खिताब को जीतकर विश्वनाथन आनंद के बाद पहला भारतीय शतरंज खिलाड़ी बनने का सपना देख रहे हैं, जिन्होंने 2013 में अपना अंतिम विश्व चैंपियन खिताब जीता था। गुकेश के सामने चीन के डिंग लिरेन जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं, जो गत चैंपियन हैं। यह मुकाबला न केवल व्यक्तिगत सफलता के लिए होगा, बल्कि भारत के शतरंज इतिहास के लिए भी महत्वपूर्ण है।
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गुकेश पर दबाव
18 वर्षीय डी गुकेश ने पहले ही साबित कर दिया है कि वह शतरंज की दुनिया में अपनी धैर्य और कड़ी मेहनत से बडी सफलता हासिल करने का माद्दा रखते हैं। इस टूर्नामेंट के दौरान गुकेश के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वह विश्व चैंपियन बनने के भारी दबाव से कैसे निपटते हैं। हालांकि, अधिकांश शतरंज विशेषज्ञ और दुनिया भर के प्रशंसक उनके समर्थन में हैं, और उम्मीद जताई जा रही है कि वह इस महत्वपूर्ण अवसर को भुनाते हुए अपने देश का नाम रोशन करेंगे।
पहली बार दो एशियाई खिलाड़ी खिताबी मुकाबले में
इस साल के विश्व चैंपियनशिप टूर्नामेंट में एक ऐतिहासिक पहलू भी है। यह पहली बार होगा जब 138 वर्षों में दो एशियाई खिलाड़ी विश्व चैंपियनशिप के खिताब के लिए एक-दूसरे से भिड़ेंगे। इस मुकाबले में चीन के डिंग लिरेन और भारत के डी गुकेश के बीच एक बेहतरीन शतरंज प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी।
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गुकेश के पास अच्छा मौका
गुकेश के पास इस साल चैंपियनशिप जीतने का अच्छा मौका है, खासकर तब जब उन्होंने पिछली प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया है। वह भारत के लिए 2013 से चल रहे खिताब के सूखे को खत्म करना चाहेंगे। विश्वनाथन आनंद के बाद कोई भारतीय शतरंज खिलाड़ी अब तक इस प्रतिष्ठित खिताब को नहीं जीत सका है। इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के बाद गुकेश को उम्मीद है कि वह भारत का नाम एक बार फिर से शतरंज की दुनिया में रोशन करेंगे।
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आनंद का समर्थन
विश्वनाथन आनंद, जो इस टूर्नामेंट को जीतने वाले भारत के एकमात्र खिलाड़ी हैं, गुकेश को अपनी शतरंज अकादमी में प्रशिक्षित कर चुके हैं। आनंद ने गुकेश को इस मुकाम तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और वह इस प्रतियोगिता में गुकेश की सफलता के लिए उनके साथ हैं।