श्रावस्ती संवाददाता- रफीक उल्ला खान
Shravasti: श्रावस्ती जिले में आज वह खुशियां वापस लौट कर आ गई जो उत्तराखंड के उत्तरकाशी के टनल में 17 दिन तक फसी हुई थी। टनल में फसे मजदूरो के घरों के चिराग रोशन हुए हैं। आखिर उन्हें कड़ी मशकत से 17 दिनों के बाद सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाला गया और दो दिन तक श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए रखा गया। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद सभी मजदूरो को उनके घर के लिए रवाना कर दिया गया। आज जब 6 मजदूर अपने गाँव मोतीपुर कला पहुँचे तो उनका परिवार वालो के साथ ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया गया।
17 दिनो तक फसे रहे है मजदूर

उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के भारत नेपाल सीमा से सटा हुआ थाना सिरसिया का मोतीपुर कला गांव आज खुशियों से भर गया, क्योंकि यहां से 4 महीने पहले 20 मजदूरों का एक जत्था उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बन रहे यमुनोत्री राष्ट्रीय राज्य – मार्ग में मजदूरी करने के लिए गये थे, जहां पर सिलक्यारा टनल के निर्माण के समय अचानक से इस टनल का कुछ हिस्सा ढह जाता है। जिससे श्रावस्ती के 6 मजदूर समेत 41 मजदूर उसी टनल में फंस जाते हैं लेकिन भारतीय सेना, एनडीआरएफ और केंद्र व उत्तराखंड सरकार की कड़ी मेहनत से इन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। सुरंग में फसे मजदूर काल से सुरक्षित बाहर निकल कर अपने घर लौटे है। जिनके सुरक्षित वापस होने पर जोरदार स्वागत किया गया और घर वाले खुशियां मना रहे हैं।

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सेना के जवानो ने चलाया रेस्क्यू
बता दें कि 12 नवंबर को यह हादसा हुआ था जिस दिन पूरा देश दीपावली का त्योहार मना रहा था उस दिन मोतीपुर कला गांव अंधेरे में डूब गया था, लेकिन आज उनकी घर वापसी पर इन घरों में दीपावली जैसा माहौल है और एक त्योहार जैसी खुशियां लौट कर आई हैं। लौटे श्रमवीर का परिजनों ने जोरदार स्वागत किया गया और श्रमवीरो के पहुंचने पर भारत माता और बंदे मातरम के नारों से मोतीपुर कला गाँव गूंज उठा ,वही गाँव को दीयों से सजाया गया जब श्रमवीर अपने घर पहुँचे तो उनकी आंखें परिवार को देखकर नम हो गई । श्रमवीरो ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि टनल में डर तो बहुत लगता था, लेकिन हौसलों ने हम सभी को जिंदा रखा वही सरकार और रेस्क्यू टीम और सेना ने हम लोगो की जान बचाई है जिसका हम दिल से धन्यवाद करते हैं।