Maharashtra CM News: भाजपा के नेतृत्व में महायुति गठबंधन ने महाराष्ट्र चुनाव (Maharashtra elections) में एक बड़ी जीत हासिल की है और भाजपा को राज्य में एक मज़बूत पार्टी के रुप में पहचान मिली है। महाराष्ट्र में चुनाव के नतीज़े आये हुए 9 दिन से भी ज्यादा हो गए हैं। लेकिन महाराष्ट्र को अभी तक उसका मुख्यमंत्री नहीं मिला। दो-तीन बैठकें रद्द होने के कारण महाराष्ट्र की सियासत और भी गर्मा गयी है।
शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) तो इन फैसलों के बीच दो बार बीमार भी हो गए जिसके चलते उन्हें अपने गांव सतारा भी जाना पड़ गया। रविवार को सतारा से लौटकर मुंबई पहुंचे एकनाथ शिंदे ने कहा कि,महाराष्ट्र की जनता उन्हें फिर से सीएम बनते देखना चाहती है। हालांकि महाराष्ट्र का अगला सीएम कौन होगा इसका फैसला पार्टी आलाकमान करेगी।
कब होगी अगली बैठक ?
खबरों के मुताबिक, फिलहाल महाराष्ट्र (Maharashtra) के सीएम पद पर फैसला नहीं हो पाया है और अगली बैठक 4 दिसंबर को होनी बतायी जा रही है। इसके साथ ही भाजपा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) और गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी (Vijay Rupani) को पर्यवेक्षक बनाया है।दोनों नोताओं के मुंबई पहुंचने के बाद विधायक दल की बैठक में महाराष्ट्र के अगले सीएम का ऐलान होगा जिसके चलते भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले नें आजाद मैदान पहुंच कर शपथ ग्रहण के समारोह का जायजा भी लिया।
पवार और फडणवीस दिल्ली के लिए हुए रवाना
NCP नेता अजित पवार (Ajit Pawar) और देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं जहां पर वह केंद्रिय मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे और उनके साथ संभावित मंत्रियों की लिस्ट पर चर्चा करेंगे। इससे पहले भी 28 नवबंर को देवेन्द्र फडणवीस, अजित पवार और एकनाथ शिंदे दिल्ली जा कर अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं।सीएम पद को लेकर NCP नेता अजित पवार ने बयान कहा है महाराष्ट्र का अगला सीएम भाजपा से होगा।
मंत्रालय के बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान भी हो सकती है वजह
अंदरखाने की खबरों की मानें तो महाराष्ट्र सरकार में विभागों के बटवारे को लेकर भी भाजपा असमंजस में पड़ी है। एकनाथ शिंदे की सरकार में देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) डिप्टी सीएम थे और गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे थे लेकिन इस बार शिंदे गुट का कहना है अगर डिप्टी सीएम का पद हमें मिलता है तो गृह मंत्रालय हमारे पास होना चाहिए।
इन सबके चलते अमित शाह (Amit Shah) की मौजूदगी में होने वाली बैठक में भी कैबिनेट गठन पर कोई फैसला नहीं हो पा रहा है।भाजपा अपने पास गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा, ग्रामीण विकास जैसे विभाग रखना चाहती है। उन्होंने शिवसेना को हेल्थ, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य, उद्योग जैसे विभाग देने की बात कही है और एनसीपी अजित गुट को वित्त, योजना, सहयोग, कृषि जैसे विभाग देने पर मना रही है।