Prime Chaupal: केंद्र और राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लगातार प्रयास किए जाए रहे हैं इसके बवजूद उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के नाम पर वहां लोगों को केवल आस दी जाती रही है।प्राइम टीवी के खास शो प्राइम चौपाल के अंतर्गत जब हमारी टीम राजधानी लखनऊ के माल स्थिति रानीपुरा ग्राम पंचायत पहुंची तो विकास की योजनाएं वास्तविकता से बहुत दूर दिखाई दी।सरकार द्वारा घोषित योजनाओं का पूरा लाभ उन गांवों तक नहीं पहुंच पा रहा है जो अब भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं। वहीं, ग्राम पंचायत के जिम्मेदार लोग योजनाओं का सही तरीके से संचालन न करके, उनका बंदरबांट कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
विकास के दावे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और

बताते चले कि, ग्रामीण क्षेत्र में विकास के तमाम दावे किए जाते हैं, लेकिन रानीपुरा ग्राम पंचायत की स्थिति यह है कि अब भी वहां गंदगी का ढेर लगा हुआ है। सड़कें टूटी हुई हैं, सीवेज सिस्टम का कोई ठोस निर्माण नहीं हुआ है और स्वास्थ्य सुविधाओं का स्तर बेहद निम्न है। प्रशासनिक स्तर पर इन समस्याओं का समाधान होने के बजाय, ये समस्याएं और बढ़ रही हैं। सरकारी योजनाओं के चलते गांव में कुछ बदलाव आने की उम्मीद थी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण अब भी हालात जस के तस बने हुए हैं।
सरकारी योजनाओं से वंचित लोग

ग्राम पंचायत रानीपुरा में कई लोग अब भी सरकारी योजनाओं से अछूते हैं। जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सिर्फ कुछ खास लोगों तक ही पहुंचता है, जिनके पास या तो राजनीतिक प्रभाव होता है, या फिर उन लोगों का कोई संबंध ग्राम पंचायत के कर्मचारियों से होता है। ऐसे में आम ग्रामीण योजनाओं से वंचित रहते हैं और उन्हें अपनी बुनियादी आवश्यकताओं के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
नतीजे की प्रतीक्षा

वर्तमान में गांव के लोग सरकार के विकास कार्यों के लिए उम्मीद से भरे हुए हैं, लेकिन अगर यही हालात जारी रहे तो यह उम्मीद जल्द ही टूट सकती है। गांव के विकास के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और सरकारी योजनाओं का सही तरीके से कार्यान्वयन करना होगा। जब तक यह नहीं होगा, रानीपुरा जैसे गांवों में बदलाव की उम्मीद नहीं की जा सकती है।