Vodafone Idea Share Price: भारतीय शेयर बाजार में जहां एक ओर वित्तीय वर्ष 2025-26 की शुरुआत बड़ी गिरावट के साथ हुई, वहीं वोडाफोन आइडिया के शेयरों ने अपनी शानदार बढ़त से निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया। 1 अप्रैल को बाजार खुलते ही वोडाफोन आइडिया के शेयरों में अपर सर्किट लग गया, जिससे उनके मूल्य में 10% की वृद्धि हुई। इसके कारण, निवेशकों को आज शेयरों में खरीदारी का कोई मौका नहीं मिल सका, और कंपनी के शेयरों ने कारोबार भी रोक दिया।
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वोडाफोन आइडिया के शेयरों का हाल

पिछले हफ्ते शुक्रवार को वोडाफोन आइडिया के शेयर 6.81 रुपये के स्तर पर बंद हुए थे। आज, 1 अप्रैल को जब बाजार खुला, तो शेयरों में 10% की तेजी देखने को मिली और यह 7.49 रुपये के स्तर पर पहुंचे। हालांकि, वोडाफोन आइडिया के शेयर अभी भी अपने 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर से काफी नीचे हैं। बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक, वोडाफोन आइडिया का 52 वीक हाई 19.15 रुपये है, जबकि इसका 52 वीक लो 6.60 रुपये है। वर्तमान में कंपनी का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 53,473.38 करोड़ रुपये है।
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52 वीक हाई से काफी नीचे है कंपनी का शेयर मूल्य

वर्तमान में वोडाफोन आइडिया के शेयर का मूल्य 52 वीक हाई से बहुत नीचे है, लेकिन आज की तेजी के बाद निवेशकों के लिए एक नई उम्मीद जगी है। पिछले कुछ समय से कंपनी के शेयरों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा है, लेकिन हालिया घटनाओं ने निवेशकों को आकर्षित किया।
वोडाफोन आइडिया के शेयरों में अचानक वृद्धि

वोडाफोन आइडिया के शेयरों में इस अचानक वृद्धि का मुख्य कारण एक खबर है, जो रविवार को आई थी। इस खबर में बताया गया था कि भारतीय सरकार ने वोडाफोन आइडिया के स्पेक्ट्रम नीलामी की बकाया राशि के बदले कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर सहमति दी है। सरकार ने 36,950 करोड़ रुपये के शेयरों के नए अधिग्रहण के साथ वोडाफोन आइडिया में अपनी हिस्सेदारी 22.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 48.99 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है।
सरकार की बढ़ी हुई हिस्सेदारी

वर्तमान में वोडाफोन आइडिया में सरकार की हिस्सेदारी 22.6 प्रतिशत है, और इसके साथ ही सरकार इस टेलीकॉम कंपनी का सबसे बड़ा शेयरधारक बन चुकी है। वोडाफोन आइडिया ने इस समझौते के बाद कहा कि SEBI और अन्य नियामक प्राधिकरणों से आवश्यक आदेश प्राप्त होने के बाद, वह 30 दिनों के भीतर 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 3695 करोड़ इक्विटी शेयर जारी करेगा। इस डील के बाद, सरकार की हिस्सेदारी बढ़कर 48.99 प्रतिशत हो जाएगी, जो कि वोडाफोन आइडिया के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
क्या है इसका असर वोडाफोन आइडिया पर?

सरकार की बढ़ी हुई हिस्सेदारी वोडाफोन आइडिया के लिए काफी सकारात्मक मानी जा रही है। इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत हो सकती है और निवेशकों का भरोसा बढ़ सकता है। इसके अलावा, सरकार का इस तरह से कंपनी में और अधिक निवेश करना यह संकेत देता है कि सरकार टेलीकॉम सेक्टर में वोडाफोन आइडिया के भविष्य को लेकर सकारात्मक है।वोडाफोन आइडिया के लिए यह एक अहम मौका है, क्योंकि कंपनी पहले से ही भारी कर्ज में डूबी हुई थी। सरकार द्वारा वित्तीय मदद से कंपनी को संजीवनी मिल सकती है, जिससे वह अपने कर्ज को चुकता करने और भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम हो सकती है।