Virat Kohli-Rohit Sharma Ranji Trophy:हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (BGT) में भारतीय क्रिकेट टीम की 3-1 से हार ने कई सवाल उठाए हैं, खासकर विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट भविष्य को लेकर। इस हार के बाद, भारत के दिग्गज खिलाड़ी विराट कोहली और रोहित शर्मा के रणजी ट्रॉफी में खेलने को लेकर कई चर्चाएं हो रही हैं। क्या ये दोनों खिलाड़ी लंबे समय बाद घरेलू क्रिकेट में उतरेंगे? यह सवाल इस समय क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बन गया है।
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गौतम गंभीर की टिप्पणी और घरेलू क्रिकेट में जरूरी उपस्थिति
भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने हाल ही में इस मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट, खासकर रणजी ट्रॉफी, को गंभीरता से लेना होगा। गंभीर का यह बयान इशारे-इशारे में कोहली और रोहित को घरेलू क्रिकेट में खेलने के लिए प्रेरित करता दिखा। उनके मुताबिक, अगर खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं, तो उन्हें घरेलू क्रिकेट, विशेषकर लाल गेंद के खेल में हिस्सा लेना चाहिए।
विराट कोहली ने 2012 में आखिरी बार रणजी ट्रॉफी खेली थी, जबकि रोहित शर्मा ने 2015 में घरेलू क्रिकेट में कदम रखा था। दोनों के बीच यह अंतर 9 और 12 साल का है। इस दौरान कई युवा खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन भारतीय टीम के प्रमुख खिलाड़ी इससे दूर रहे हैं।
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बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में प्रदर्शन पर सवाल
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान भारतीय टीम के प्रदर्शन से साफ तौर पर यह नजर आया कि खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट में आवश्यक तैयारी से वंचित हैं। विराट कोहली ने 5 टेस्ट मैचों में 190 रन बनाये, जो उनके टेस्ट करियर के लिहाज से औसत प्रदर्शन था। वहीं, रोहित शर्मा ने 3 मैचों में केवल 31 रन बनाये। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि भारतीय खिलाड़ियों को ‘रेड बॉल’ क्रिकेट में और अधिक अभ्यास की आवश्यकता है, जो उन्हें घरेलू स्तर पर मिल सकता है।
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दिग्गज क्रिकेटरों की सलाह और गंभीर कदम उठाने की बात
भारत के दिग्गज क्रिकेटरों ने भी कोहली और रोहित को घरेलू क्रिकेट खेलने की सलाह दी है। सुनील गावस्कर ने हाल ही में कहा था कि अगर भारतीय खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी में नहीं खेलते, तो गौतम गंभीर को कड़े कदम उठाने होंगे। इस बयान ने खिलाड़ियों पर दबाव बढ़ा दिया है और यह सवाल उठाया है कि क्या कोहली और रोहित अब घरेलू क्रिकेट में उतरेंगे।
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BCCI की चेतावनी
बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने पिछले साल खिलाड़ियों को चेतावनी दी थी कि यदि उन्होंने आईपीएल को घरेलू क्रिकेट की जगह प्राथमिकता दी, तो उन्हें गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा। इसके बाद श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से हाथ धोना पड़ा। इस कदम ने यह दिखा दिया कि बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में भाग लेने के लिए मजबूर कर रहा है।
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इरफान पठान और तेंदुलकर का उदाहरण
पूर्व भारतीय खिलाड़ी इरफान पठान ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने ‘कल्चरल चेंज’ की बात की, यह सुझाव देते हुए कि खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी में खेलना चाहिए, जैसा कि महान सचिन तेंदुलकर ने किया था। तेंदुलकर ने अपने करियर में कई बार रणजी ट्रॉफी खेली थी, जबकि उनका अंतरराष्ट्रीय करियर अपने शिखर पर था।