यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती के फैसले के बाद, ग्लोबल मार्केट्स में दबाव का माहौल बन गया है। फेड ने बुधवार को लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की, जिससे ब्याज दर 4.25-4.50 प्रतिशत के दायरे में आ गई। हालांकि, फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने चेतावनी दी कि 2025 में महंगाई के फिर से बढ़ने के कारण ब्याज दरों में केवल दो बार ही कटौती की जाएगी।इस फैसले के बाद अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट आई।
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इंडेक्स में भारी गिरावट
डाउ जॉन्स, एसएंडपी 500 और नैस्डेक सभी में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। डाउ जॉन्स 1,100 अंक लुढ़क गया, जबकि नैस्डेक में 3.28 प्रतिशत की गिरावट आई।यूरोपीय बाजारों में भी मिला-जुला असर देखने को मिला। एफटीएसई इंडेक्स में मामूली बढ़त थी, जबकि डीएएक्स में कमजोरी देखी गई।एशियाई बाजारों में भी बिकवाली का दबाव था। जापान का निक्केई इंडेक्स, ताइवान वेटेड इंडेक्स, और जकार्ता कंपोजिट इंडेक्स में भारी गिरावट आई। भारत में भी निफ्टी और अन्य प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे।इस तरह, यूएस फेड के फैसले ने दुनियाभर के बाजारों में चिंता और अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है।
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बाजारों में भी दिखा दबाव का माहौल
यूरोपीय बाजारों में भी मिला-जुला कारोबार हुआ, जहां कुछ बाजारों में मामूली बढ़त और कुछ में हल्की कमजोरी देखी गई। एफटीएसई और सीएसी इंडेक्स में हल्की तेजी आई, जबकि डीएएक्स में मामूली गिरावट आई। एशियाई बाजारों में भी दबाव का माहौल था, और सभी प्रमुख सूचकांकों में गिरावट देखी गई। भारतीय बाजारों में भी निफ्टी में कमजोरी आई, जबकि जापान का निक्केई, ताइवान वेटेड इंडेक्स, और जकार्ता कंपोजिट इंडेक्स में बड़ी गिरावट आई।कुल मिलाकर, अमेरिकी फेड के फैसले ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता और दबाव बढ़ा दिया है, जिससे निवेशकों में निराशा और बिकवाली का माहौल बना हुआ है।