UP Politics:उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने हाल ही में आगरा में हुए हमले के संदर्भ में अखिलेश यादव पर तंज करते हुए एक 30 साल पुरानी घटना का जिक्र किया। मायावती ने आरोप लगाया कि 1995 में सपा द्वारा उनके ऊपर लखनऊ के राज्य अतिथि गृह में कराए गए जानलेवा हमले पर अखिलेश को पश्चाताप करना चाहिए।

मायावती ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर इस बारे में लिखते हुए कहा, “आगरा की घटना के साथ-साथ सपा मुखिया को 2 जून 1995 को लखनऊ के राज्य अतिथि गृह में मेरे ऊपर किए गए जानलेवा हमले को भी याद करना चाहिए। इस हमले के लिए इस पार्टी को पछताना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “आगरा घटना के बहाने अब सपा को अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना बंद करना चाहिए और दलितों का उत्पीड़न और नहीं बढ़ाना चाहिए।”
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आगरा की घटना पर मायावती की चिंता
मायावती ने आगरा की घटना को “अति चिंताजनक” बताया और कहा कि सपा ने अपनी राजनीतिक लाभ के लिए दलित नेताओं का इस्तेमाल कर उनकी राजनीति को घिनौनी बना दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा, अपने स्वार्थ में, दलित नेताओं को आगे करके उनके खिलाफ नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है,

जो कि बिल्कुल गलत है।पूर्व मुख्यमंत्री ने दलितों से सावधान रहने की अपील की और कहा कि आगरा जैसी घटनाएं समाज में और अधिक हिंसा और असमझौते का कारण बन सकती हैं। मायावती ने सपा से यह भी कहा कि किसी भी समुदाय का अपमान करना और उनके बीच विघटन पैदा करना समाज के लिए खतरनाक हो सकता है।
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सपा को समुदायों के बीच विभाजन से बचने की सलाह
मायावती ने सपा के नेतृत्व से अपील की कि वे किसी समुदाय में ‘दुर्गंध’ और दूसरे में ‘सुगंध’ के झूठे दावे न करें, क्योंकि इससे समाज में असंतुलन और तनाव बढ़ सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह देश की एकता और सामाजिक सौहार्द के लिए खतरनाक हो सकता है।

यह हमला मायावती की ओर से सपा के प्रति एक और कड़ा बयान था, जिसमें उन्होंने सपा की राजनीति को समाज में विभाजन और संघर्ष को बढ़ावा देने वाला बताया। मायावती का कहना है कि सपा को अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए समाज के किसी भी वर्ग का शोषण करने से बचना चाहिए और सभी समुदायों के बीच समरसता बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए।