अलीगढ़ संवाददाता: लक्ष्मन सिंह राघव
Aligarh: महिलाएं अब हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। कई ऐसे काम थे जो पूर्व में समझा जाता था कि उनको महिलाएं नहीं कर सकती, लेकिन आज उन्ही काम को भी महिलाएं बखूबी से अंजाम दे रही है। ऐसी ही एक कहानी है अलीगढ़ के जट्टारी कस्बे के गांव हजियापुर की रहने वाली सोनू मलान की। सोनू मलान अलीगढ़ डिपो में पहली महिला बस ड्राइवर है। इस समय उसने 16 महीने का बस चलाने का प्रशिक्षण ले लिया है और केवल एक महीना और शेष बचा है।
सोनू मलान इस समय अलीगढ़ से नोएडा जाने वाली डिपो की बस में सहचालक की भूमिका निभा रही है। सोनू का कहना है कि मुझको देखकर उम्मीद करती हूं कि और भी महिलाएं आगे आएंगी और अपना और समाज का नाम रोशन करेंगी।
read more: अयोध्या में हों कुम्भ जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं: ब्रजेश पाठक..
सोनू मलान घर में सबसे छोटी

हाजीपुर के रहने वाले और दिल्ली में कार्यरत अध्यापक विजेंद्र सिंह और बाला देवी की पांच संतानों में सोनू मलान सबसे छोटी है। सोनू के तीन अन्य बड़ी बहन है व एक भाई है। भाई भी उसका रोडवेज में ही कार्यरत है। उसकी तीन बहनों की शादी हो चुकी है। सोनू ने बचपन में अपने भाई व चाचा से ही ट्रैक्टर चलाने का प्रशिक्षण लिया और वहीं से उसने ड्राइविंग सीखी। उसके बाद उसने अपना हैवी व्हीकल लाइसेंस भी बनवाया। जब पिछले दिनों सरकार ने रोडवेज में महिला चालकों के लिए नियुक्ति निकाली तो सोनू ने भी अपना आवेदन उसके लिए कर दिया। जहां उसको सेलेक्ट करते हुए उसकी ट्रेनिंग के लिए कानपुर भेजा गया।
सोनू की 16 महीने की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है व एक महीने की ट्रेनिंग शेष है। जब 17 महीने की ट्रेनिंग उसकी पूरी हो जाएगी तो उसको चालक के रूप में बस चलाने का मौका दिया जाएगा। अभी वह अलीगढ़ से नोएडा जाने वाली रोडवेज बस में सह चालक की भूमिका निभा रही है।
read more: इस वीकेंड वार में सलमान खान के हत्थे चढे ये कंटेस्टेंट्स…
अलीगढ़ के जट्टारी कस्बे की है सोनू मलान
अलीगढ़ में रोडवेज में कार्यरत महिला ड्राइवर सोनू मलान ने बताया कि वह अलीगढ़ के जट्टारी कस्बे के गांव हजियापुर की रहने वाली है। वह 16 महीने से बस को चला रही है। अखबार में निकला था कि महिलाओं के लिए रोडवेज में अप्लाई करना है तो मैंने अप्लाई किया। उसके बाद मैंने यहां से 16 महीना कानपुर ट्रेंड किया। ट्रेंड के बाद मुझे यहां पर भेज दिया। 16 महीने मुझे हो गए यहां पर ट्रेड करते हुए और एक महीना और बचा है उसके बाद मुझे यही रोडवेज में जगह मिल जाएगी।
मैंने इसको इसलिए चुना क्यों कि न्यूज़ पेपर में निकला था और मेरे पास पहले से ही हैवी व्हीकल लाइसेंस था और घर पर ट्रैक्टर वगैरा चलाना सीखा तो सोचा कि अगर सरकार मौका निकाल रही है जगह निकली है तो हमें भी अप्लाई करना चाहिए। लड़की कभी लड़कों से कम नहीं पड़ती।
सरकार को किया धन्यवाद
बहुत सी जगह जहाज भी चला रही है। दिल्ली में बस भी चला रही है। सुबह के समय जब हम जाते हैं नोएडा तो जब लेडिज वगैरह को पता चलती है कि महिला बस चला रही है तो वह बड़ी खुश होती है। फोटो भी खींचती हैं। सरकार का भी हम धन्यवाद करते हैं क्योंकि नारी शक्ति पर भी योगी सरकार बहुत जोर दे रही है। मोदी जी बोलते हैं बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ। मुझे बहुत अच्छा लगता है बस चलाने में लोगबाग को जैसे पता चलता है तो वह भी बहुत खुश होते हैं। मेरे परिवार ने भी बहुत साथ दिया है। जो कुछ भी हूं आज अपने परिवार के वजह से हूं। मेरे परिवार में भाई पापा मम्मी और मेरे से बड़ी तीन बहने हैं।
मम्मी हाउसवाइफ है और पिताजी स्कूल में सरकारी टीचर है। भाई रोडवेज में ही है। मेरे साथ पूरा सहयोग है परिवार का, अगर उनका सहयोग नहीं होता तो मैं यहां नहीं होती। अब तो यही जॉब करनी है जब अच्छी परपस से करो तो अच्छी है और बे पर्पज से करो तो ठीक नहीं है। मैंने टेन प्लस टू किया है और जम्मू से जेबीटी भी किया है। महिलाओं के लिए कहना चाहती हूं कि जिस पोजीशन में हु मेरे को भी देखकर और महिलाएं आए और इसमें आकर अपना नाम रोशन करें। सरकार का भी बहुत-बहुत धन्यवाद है कि हमें यह मौका दिया रोडवेज में लगने का।
क्षेत्रीय प्रबंधक ने की सराहना

अलीगढ़ रोडवेज डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक चीनी प्रसाद ने महिला ड्राइवर को लेकर कहा कि हमारे यहां सोनू मलान नाम की महिला चालक है और इस समय हमारे भारत सरकार हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सभी का विजन यह है कि महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे लाया जाए और उनका प्रशिक्षण देकर के कुशल बनाया जाए। उसी के परिपेक्ष में हमारे यहां पहले से ही कुछ महिला परिचालक काम कर रही हैं।
लेकिन महिला चालक कोई नहीं थी। तो उसी को देखते हुए सोनू मलान खुद उसका इंटरेस्ट था। वह पहले से ही चालक का काम करती थी। उसके पास लाइसेंस भी था। जब उसे यहां पर प्रशिक्षण का कार्य की जानकारी हुई तो उसने अपना नामांकन कर कानपुर में प्रशिक्षण लिया और प्रशिक्षण के बाद उनको अलीगढ़ डिपो में तैनात कर दिया गया है।