उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में दो बच्चों में चीन में फैले इन्फ्लूएंजा फ्लू जैसे लक्षण देखे गए हैं। जिसके बाद उत्तराखंड से स्वास्थ्य विभाग ने भी माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया था। वही अभी तक इस रहस्यमयी बीमारी को लेकर किसी भी तरह का कोई नया वायरस नहीं मिला है।
उत्तराखंड में चीन से फैली बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया गया था। इस बार भी नई बीमारी की शुरुआत चीन से ही हुई है। बता दे कि एक दम से चीन में बच्चों से बड़ी संख्या में अचानक माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू से ग्रस्ति हो रहे है, जिसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। वही अब उत्तराखंड सरकार भी इसको लेकर सतर्क हो गई है, और राज्य में इस बीमारी को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
चीन में एक दम से क्यों बढ़ रहे मामले?
चीन में सांस संबंधी बीमारियों की घटनाओं में वृद्धि के लिए इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) और SARS-CoV-2 जिम्मेदार हैं। वही अभी तक इस रहस्यमयी बीमारी को लेकर किसी भी तरह का कोई नया वायरस नहीं मिला है। WHO ने इसको लेकर माइकोप्लाज्मा निमोनिया को जिम्मेदार माना है। माइकोप्लाज्मा निमोनिया, एक आम जीवाणु संक्रमण है, जो आम तौर पर छोटे बच्चों को प्रभावित करता है।
हरियाणा और उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट…
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि चीन की स्थिति को देखते हुए एहतियात के तौर पर कोविड-19 महामारी के दौरान बनाए गए स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। सरकार ने अधिकारियों से अपनी तैयारियों की समीक्षा करने को कहा है। वहीं उत्तराखंड के स्वास्थ्य अधिकारियों को सांस संबंधी बीमारियों के मामलों की निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। वही उत्तराखंड के तीन जिले जो कि चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ चीन की सीमा से सटे हुए हैं। वहीं हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के निर्देश में कहा गया है कि सार्वजनिक या निजी अस्पतालों में किसी भी “असामान्य सांस संबंधित बीमारियों के मामलों की तुरंत सूचना दी जानी चाहिए।
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मेडिकल कॉले हल्द्वानी में जांच के लिए भेजे सैंपल…
बागेश्वर में बुधवार के दिन जिला अस्पताल में दो बच्चों को लाया गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ के साथ इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण की आशंका को देखते हुए डॉक्टर ने सैंपल सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में जांच के लिए भेजे हैं। जांच रिपोर्ट 4 से 5 दिन में आ जाएगी। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही आगे कोई निर्णय लिया जाएगा कि यह वायरस वही है, या फिर नहीं है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर पूरी तरह से सतर्क दिखाई दे रहा है।