खाने को रोटी नहीं नसीब और बातें परमाणु बम की ये हाल हैं हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की जहां की अवाम रोटी के लिए सड़कों पर उतर आई है.पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान में इन दिनों लोगों को खाने के लाले पड़ गए हैं.गिलगित-बालटिस्तान पर पाकिस्तान ने अवैध रुप से कब्जा कर रखा है.शुक्रवार को गिलगित-बाल्टिस्तान की जनता आटे की कीमत को लेकर सड़कों पर उतरी है.तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि,लोगों का हूजुम कितना ज्यादा है। ये किसी चुनावी रैली में मौजूद लोगों की भीड़ नहीं बल्कि ये वो लोग हैं जो महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं प्रदर्शन करती ये भीड़ आटे की बढ़ती कीमतों से परेशान है।
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गर्त में पहुंची पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था
पाकिस्तान की आर्थिक व्यवस्था इन दिनों गर्त में पहुंच गई है और देश कर्ज के भयानक मकड़जाल में फंसा हुआ है.पाकिस्तान के हालात इतने बुरे हैं कि,पाकिस्तानी सरकार को अब दूसरे देशों ने कर्ज देने से भी साफ मना कर दिया है.पाकिस्तान में पिछले दिनों बिजली के दाम बढ़ाए गए थे और आम लोगों के घर हजारों रुपये का बिजली बिल पहुंच रहा था.जनता के भारी विरोध के बाद सरकार को आदेश वापस लेना पड़ा था. अब सड़कों पर हजारों की संख्या में स्थानीय नागरिक गेंहू की कीमतों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
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अवामी एक्शन कमेटी ने किया हड़ताल का आह्रवान
आपको बता दें कि,इस हड़ताल का आह्वान अवामी एक्शन कमेटी ने किया था। इसे व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों और होटल मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघों का समर्थन हासिल था।ऐसा पहली बार नहीं है जब गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों को लेकर गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों ने प्रदर्शन किया हो। पिछले कई महीनों से गेहूं की कीमतें बढ़ाने के गिलगित-बाल्टिस्तान सरकार के फैसले के खिलाफ छिटपुट विरोध प्रदर्शन चल रहा था, लेकिन उसका प्रभाव पड़ता न देख इतने बड़े स्तर पर प्रदर्शन को आयोजित किया गया।
आह्रवान एक्शन कमेटी के मुख्य आयोजक एहसान अली का अवाम के सड़कों पर उतरने को लेकर कहना है कि,गिलगित-बाल्टिस्तान निवासी पिछले 70 सालों से अपने बुनियादी अधिकारों से वंचित हैं.मुझे इसका अफसोस है.उन्होंने कहा कि,इस समय सरकारी धन से सालाना अरबों रुपये खर्च करने के बावजूद यहां के लोगों को 22 घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
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गिलगित-बाल्टिस्तान के गवर्नर ने राष्ट्रपति से मुलाकात की
इस बीच गिलगित-बाल्टिस्तान के गवर्नर सैयद मेहदी शाह ने शुक्रवार को इस्लामाबाद में राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी से मुलाकात की और गेहूं सब्सिडी सहित क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा की. प्रेसीडेंसी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार राष्ट्रपति ने राज्यपाल से कहा कि,उन्होंने कार्यवाहक प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के साथ इस मुद्दे को उठाया है और उम्मीद है कि इसे जल्द ही हल किया जाएगा।