Jhansi Medical College Fire :झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात हुई एक भयानक आग में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। हादसा इतना दर्दनाक था कि पूरे राज्य में मातम का माहौल है। घटना के बाद यह खुलासा हुआ है कि अस्पताल में आग बुझाने वाले सिलेंडर एक्सपायर हो चुके थे, जो इस दुर्घटना को और भी गंभीर बना गए। आग के कारणों में ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगने की बात सामने आई है, जिसके चलते अस्पताल की चिकित्सीय प्रबंधन और प्रशासन की लापरवाही की ओर इशारा किया जा रहा है।
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मुख्यमंत्री योगी ने दी आर्थिक सहायता

इस हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मृतक बच्चों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने प्रशासन से घटना की पूरी रिपोर्ट 12 घंटे के भीतर मांगी है और सभी जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।
“चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला”
झांसी हादसे पर राजनीतिक जगत से भी तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह पूरी घटना चिकित्सीय प्रबंधन और प्रशासन की लापरवाही का परिणाम है। उन्होंने कहा कि खराब क्वालिटी के ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर के कारण यह घटना हुई, और इस पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस घटना को अत्यंत दुखद और चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही के लिए दोषियों को सख्त कानूनी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद करने का आह्वान किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए बच्चों की मौत पर दुख जताया और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
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डिप्टी सीएम ने मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए
झांसी हादसे पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं की मौत बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है। उन्होंने बताया कि इस मामले में तीन प्रकार की जांच होगी। पहली जांच स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाएगी, दूसरी पुलिस प्रशासन करेगा और तीसरी मजिस्ट्रेट जांच होगी। उन्होंने कहा कि आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी और यदि किसी तरह की चूक पाई जाती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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सवालों का घेरे में प्रशासन

इस घटना ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और प्रशासन की अक्षमता को उजागर किया है। एक्सपायरी डेट के सिलेंडरों का इस्तेमाल, खराब क्वालिटी के ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर का होना और आग बुझाने की सही व्यवस्था न होना, इन सभी कारणों ने यह हादसा और भी भयावह बना दिया। प्रशासन अब इन मुद्दों की गहन जांच कर रहा है, और जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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आगे की कार्रवाई

सरकार ने मृतकों के परिवारों को मदद देने के साथ-साथ राहत कार्यों को भी प्राथमिकता दी है। हालांकि, इस घटना ने अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्थाओं और प्रशासनिक तैयारियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। आने वाले समय में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कड़ी निगरानी और सुधार की आवश्यकता है।