Taliban’s new order: अफगानिस्तान पर सत्ता में वापसी के बाद तालिबान (Taliban) ने एक और सख्त कानून लागू किया है। नए फरमान के तहत तालिबान ने हेलमंद (Helmand) प्रांत में मीडिया में जीवित प्राणियों की तस्वीरें और वीडियो दिखाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम तालिबान के नैतिकता कानूनों के पालन की दिशा में उठाया गया है, जो धीरे-धीरे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
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मीडिया और रोजमर्रा के जीवन पर सख्त नियंत्रण
तालिबान (Taliban) के सूचना मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरुवार को इस नए कानून की घोषणा की। इसका उद्देश्य इस्लामिक कानून के अनुरूप देश के नैतिक ढांचे को सख्त बनाना है। इसके तहत, इंसानों और जानवरों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर नियंत्रण लगाया गया है। यह तालिबान के “Ministry for the Propagation of Virtue and the Prevention of Vice” द्वारा लागू किए जा रहे विभिन्न नए कानूनों का हिस्सा है, जिनका उद्देश्य इस्लामी मूल्यों का पालन सुनिश्चित करना है। प्रवक्ता सैफुल इस्लाम खैबर के मुताबिक, इस कानून को सलाह के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा और इसके अनुपालन के लिए जबरदस्ती नहीं की जाएगी।
निजी चैनल भी कर रहे हैं अनुपालन
बताया जा रहा है कि हेलमंद के अलावा तखर, मैदान वरदक, और कंधार प्रांतों में भी तालिबान द्वारा संचालित मीडिया ने जीवित प्राणियों की तस्वीरें दिखाना बंद कर दिया है। यहां तक कि कुछ निजी चैनलों ने भी इस फरमान का पालन करते हुए ऐसे सभी दृश्य हटा दिए हैं। हालांकि, तालिबान अधिकारियों ने इस नियम के तहत किसी भी तरह की छूट या विशेष परिस्थितियों का जिक्र नहीं किया है।
अन्य मुस्लिम देशों से उठाया अलग कदम
तालिबान (Taliban) का यह कदम विश्व के अन्य मुस्लिम बहुल देशों से अलग नजर आता है। ईरान और सऊदी अरब जैसे देशों में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है। तालिबान ने 1990 के दशक के अंत में अपने पहले शासनकाल के दौरान अधिकांश टेलीविजन, रेडियो और अखबारों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। अब, फिर से सत्ता में आने के बाद, तालिबान इस तरह के कड़े कानून लागू कर रहा है।
400 पुस्तकों पर भी लगाया बैन
तालिबान (Taliban) ने न केवल मीडिया पर, बल्कि साहित्य पर भी अपना शिकंजा कस दिया है। गुरुवार को सूचना मंत्रालय ने उन 400 पुस्तकों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की, जो इस्लामी और अफगानी मूल्यों से मेल नहीं खातीं। मंत्रालय के प्रवक्ता खुबैब गोफरान ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि “दुश्मनों की नापाक योजनाओं” के तहत लिखी गई किताबों को एकत्र किया जाएगा। इन पुस्तकों को दुकानों और प्रकाशन गृहों से हटा दिया गया है और उनकी जगह कुरान सहित धार्मिक ग्रंथों को रखा गया है।
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