बिहार(बाढ): संवाददाता – अभिरंजन कुमार
बाढ। प्रदेश की नीतीश सरकार माध्यमिक विद्यालयों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठा रही है। बिहार सरकार एक बार फिर से खाते में राशि भेजने की बजाय कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को किताबें देगी। पहले राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के लगभग डेढ़ करोड़ करोड़ बच्चों को किताब खरीदने के लिए खाते में राशि दी जाती थी। कई जगहों से शिकायत आ रही थी राशि मिलने के बाद भी बच्चे बिना किताब के स्कूल आ रहे है। जांच में सामने आया कि बच्चे राशि तो निकाल लेते हैं लेकिन किताब खरीदने की जगह उस रुपए का इस्तेमाल किसी और कार्य में करते है।
पाठ्य पुस्तकों पर शिक्षकों ने लगया निजी वितरण टैक्स
सरकारी स्कूलों में मुफ्त वितरित किए जाने वाली पाठ्य पुस्तकों पर शिक्षकों ने अपना निजी वितरण टैक्स लगा दिया है । अवैध वसूली के कारण विवाद के घेरे में आए अथमलगोला प्रखंड के रामनगर दियारा अनुसूचित जाति टोला के प्राथमिक विद्यालय में टैक्स की वसूली करने को लेकर छात्रों को टॉर्चर करने का भी आरोप लगाया जा रहा है। टैक्स का भुगतान नहीं करने वाले बच्चों को किताबें नहीं दी जा रही है।
इस गोरख धंधे के कारण पाठ्य पुस्तकों के वितरण की व्यवस्था गड़बड़ हो गई है। केके पाठक के प्रशासनिक डंडे से अनजान इस सरकारी विद्यालय की व्यवस्था अवैध वसूली के कारण बदनाम हो गई है। छात्रों और अभिभावक शिक्षकों के रवैये से आक्रोशित हैं। इस विद्यालय में 190 नामांकित बच्चे हैं। लेकिन पूरी उपस्थिति कभी नहीं नजर आती। बहरहाल वसूली रोकने को लेकर अधिकारी भी मौन व्रत धारण किए हुए हैं। हालांकि विद्यालय की प्रधान शिक्षिका ने कहा कि छात्र और ग्रामीण गलत- सलत आरोप लगा रहे हैं । वसूली नहीं हो रही है।
पहले बच्चों को मिलती थी इतनी धनराशि
वर्ष 2018 से 2022 तक बच्चों को किताब खरीदने के लिए पैसे दिए जाते थे। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को किताब खरीदने के लिए पैसे दिए जाते थे। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को किताब खरीदने के लिए राशि दी जाती है। समग्र शिक्षा अभियान के तहत पुस्तक मद्द में केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत राशि देती है. कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों लिए को 250 और कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को 400 रुपए की रुपए की दर से किताब खरीदने के लिए राशि दी जाती थी।
अनुमंडल के टाॅप टेन अपराधकर्मियों की सूची में शामिल अभियुक्त गिरफ्तार
बाढ़। अनुमंडल अंतर्गत पचमहला ओ.पी थाना क्षेत्र के डुमरा जंजीरा दियारा में गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस की छापेमारी के दौरान कई वांछित कांडो में फरार अभियुक्त रंजय बिन्द, पिता स्वर्गीय अशर्फी बिन्द को गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जाता है कि जब थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह सहित छः पुलिसकर्मी के साथ छापेमारी की गई तो इसकी भनक लगते ही रंजय गोप गंगा नदी में कूद गया, इसके बाद पुलिस ने तैराकों की मदद से उसे गिरफ्तार कर लिया गया।रंजय गोप का कई जिलों में अपराधिक इतिहास रहा है और लगभग आधे दर्जन मामले में फरार था।