Irfan Solanki Bail: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी (Irfan Solanki ) को जमानत तो दी है, लेकिन उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई है। इसका मतलब है कि कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट (Sisamau Assembly Seat) पर 20 नवंबर को निर्धारित उपचुनाव अपने तय समय पर ही होंगे। राज्य सरकार की ओर से सजा बढ़ाने की अपील पर चार हफ्ते बाद सुनवाई होगी। इस मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह (प्रथम) की खंडपीठ ने यह आदेश दिया।
सजा के कारण रद्द हुई सदस्यता
इरफान सोलंकी की विधायक सदस्यता जुलाई 2024 में एमपी/एमएलए कोर्ट से 7 साल की सजा मिलने के बाद रद्द कर दी गई थी। कोर्ट में इस सजा के खिलाफ इरफान सोलंकी ने अपील की थी, जिससे उम्मीद जताई जा रही थी कि अगर सजा पर रोक लगती, तो उनकी विधायकी वापस मिल सकती थी। लेकिन हाईकोर्ट ने केवल जमानत दी और सजा को बरकरार रखा, जिससे उपचुनाव की स्थिति स्पष्ट हो गई।
क्या था मामला?
यह मामला नवंबर 2022 का है, जब इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में पड़ोसी महिला नजीर फातिमा के प्लॉट पर कब्जे की नीयत से आगजनी की थी। महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि जब वह अपने परिवार के साथ शादी समारोह में गई थी, तभी उनके घर में आग लगाई गई, जिससे घर का काफी सामान जलकर राख हो गया। इस घटना के बाद महिला ने जाजमऊ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें इरफान सोलंकी समेत अन्य लोगों के नाम थे।
एमपी/एमएलए कोर्ट से मिली सजा
7 जून 2024 को एमपी/एमएलए कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद इरफान सोलंकी सहित पांच लोगों को दोषी मानते हुए 7 साल की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद इरफान सोलंकी ने हाईकोर्ट में अपील की थी। कोर्ट के फैसले के बाद उनके राजनीतिक करियर पर नकारात्मक असर पड़ा, और उनकी विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई।
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इरफान सोलंकी के वकील की दलीलें
हाईकोर्ट में इरफान सोलंकी के वकील ने यह दलील दी कि उनके मुवक्किल पर लगे सभी आरोप फर्जी हैं और उन्हें राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है। बचाव पक्ष का कहना था कि नजीर फातिमा के प्लॉट पर कोई अवैध कब्जा नहीं हुआ है और न ही आगजनी में उनका कोई हाथ है। हालांकि अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से दोषियों पर अधिकतम सजा देने की मांग की और साथ ही पीड़ित को मुआवजा देने की भी अपील की।
इरफान सोलंकी का रहा है विवादित इतिहास
इरफान सोलंकी का राजनीतिक सफर विवादों से घिरा रहा है। उनके पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी भी मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते थे और दो बार आर्यनगर से विधायक रह चुके हैं। इरफान सोलंकी ने भी अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालते हुए आर्यनगर से चुनाव जीता और बाद में चार बार विधानसभा में पहुंचे। लेकिन, उनका नाम समय-समय पर विभिन्न विवादों में आता रहा है। उनके खिलाफ पहले से ही आठ मुकदमे दर्ज थे, और आगजनी के मामले के बाद उन पर दस और नए केस दर्ज किए गए हैं।
राजनीतिक तपिश में झुलसा इरफान का ‘किला’
इरफान सोलंकी का जन्म 5 जून 1979 को राजस्थान के अजमेर में हाजी मुश्ताक सोलंकी के घर हुआ था। उनके पिता, मुश्ताक सोलंकी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के करीबी सहयोगी रहे थे। जब इरफान सोलंकी जेल में थे, तब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी उनसे मिलने आए थे, लेकिन सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें महराजगंज जेल भेज दिया गया। इरफान सोलंकी की जमानत मिलने के बावजूद उनके राजनीतिक भविष्य पर सवाल बने हुए हैं। कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई, जिससे उनका विधानसभा सीट खाली रह गया और उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है।
अब सोलंकी के समर्थकों में एक ओर निराशा है तो दूसरी ओर यह भी देखना होगा कि सपा का नेतृत्व आने वाले चुनावों में किस तरह का रणनीतिक रुख अपनाता है। सोलंकी पर लगे गंभीर आरोपों के चलते उनका राजनीतिक किला बुरी तरह हिल गया है। अपने पड़ोसी के घर में आग लगाने के इस मामले में उन्हें अपने बड़े बंगले से जेल की कोठरी तक का सफर तय करना पड़ा। राजनीतिक साख को बट्टा लगने के बाद अब इरफान का संघर्ष अपने आपको निर्दोष साबित करने का है।
मुख्य मुकदमे और कोर्ट की कार्यवाही का संक्षिप्त विवरण
घटना: 7 नवंबर 2022, रात 8 बजे
एफआईआर: 8 नवंबर 2022, जाजमऊ थाना
पहला आरोप पत्र: 9 दिसंबर 2022, इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान के खिलाफ
एमपी/एमएलए कोर्ट का फैसला: 7 जून 2024, दोषी करार और 7 साल की सजा
हाईकोर्ट में अपील: 8 नवंबर 2024, फैसला सुरक्षित
इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी होंगी नयी उम्मीदवार
यह तथ्य ध्यान में रखते हुए कि इरफान सोलंकी कानपुर क्षेत्र की सीसामऊ विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक थे, लेकिन कोर्ट द्वारा सात साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधायकी समाप्त हो गई और सीसामऊ सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया। इस सीट के रिक्त होने के बाद 20 नवंबर को उपचुनाव होने जा रहे हैं। इस उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उम्मीदवार घोषित किया है। सपा के एक कद्दावर नेता होने के बावजूद अब उनकी साख को गहरा नुकसान पहुंचा है। कानपुर की जनता भी अब इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देने को उत्सुक है, और सीसामऊ सीट पर होने वाले उपचुनाव से यह भी साफ हो सकता है कि उनके समर्थक किस हद तक उनके साथ हैं।