Lucknow Nagar Nigam: लखनऊ नगर निगम ने हाउस टैक्स की वसूली के लिए कड़ा अभियान शुरू किया है। शहर के बड़े बकायेदारों को नोटिस भेजी जा रही हैं, जिनमें सरकारी और गैर-सरकारी दोनों प्रकार की संस्थाएं शामिल हैं। प्रमुख बकायेदारों की सूची में सचिवालय प्रशासन भवन (जनपथ भवन) सबसे ऊपर है, जिसके ऊपर 6 करोड़ 17 लाख रुपये का टैक्स बकाया है। शीर्ष 10 बकायेदारों पर कुल 26.49 करोड़ रुपये का हाउस टैक्स बकाया है।
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छोटे बकायेदारों को मिली राहत
नगर निगम ने छोटे बकायेदारों के लिए राहत की घोषणा की है। मेयर सुषमा खर्कवाल ने निर्देश दिए हैं कि जिनके हाउस टैक्स का बकाया 50,000 रुपये से कम है, उनके घर की कुर्की नहीं की जाएगी। अब केवल 50,000 रुपये से अधिक के बकायेदारों को ही नोटिस भेजी जाएगी। इस निर्णय का लाभ लगभग 3 लाख लोगों को मिलने की उम्मीद है। इससे पहले 5,000 रुपये तक के बकायेदारों को भी नोटिस भेजी जाती थी, जिसे लेकर नगर निगम को कई शिकायतें मिली थीं।
26 हज़ार बड़े बकायेदार कुर्की के दायरे में
लखनऊ में वर्तमान में लगभग 26 हज़ार ऐसे बकायेदार हैं, जिनके ऊपर 50,000 रुपये से अधिक का हाउस टैक्स बकाया है। इन बकायेदारों में सरकारी और गैर-सरकारी दोनों तरह की संपत्तियां शामिल हैं। नगर निगम ने तय किया है कि ऐसे सभी बकायेदारों को नोटिस भेजकर टैक्स वसूली के प्रयास तेज किए जाएंगे।
करोड़ों का टैक्स बाकी, ये हैं बड़े बकायेदार

नगर निगम की सूची में शहर के कुछ बड़े नाम शामिल हैं जिन पर करोड़ों का हाउस टैक्स बकाया है। इनमें से कुछ का विवरण इस प्रकार है:
- सचिवालय प्रशासन भवन (जनपथ भवन) – 6 करोड़ 17 लाख रुपये
- एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग – 4 करोड़ 53 लाख रुपये
- रवीन्द्रालय – 3 करोड़ 22 लाख रुपये
- लखनऊ विकास प्राधिकरण – 2 करोड़ 22 लाख रुपये
- लेबर कॉलोनी, एक्सईएन कार्यालय – 2 करोड़ 14 लाख रुपये
- वीआईपी गेस्ट हाउस (राज्य संपत्ति विभाग) – 1 करोड़ 92 लाख रुपये
- डीएवी कॉलेज – 1 करोड़ 72 लाख रुपये
- अवध शिल्प ग्राम – 1 करोड़ 68 लाख रुपये
- रोहित सुमित सुरेश अरोड़ा – 1 करोड़ 60 लाख रुपये
- चीफ इंजीनियर वीवीआईपी रोड कार्यालय – 1 करोड़ 29 लाख रुपये
तत्काल कार्रवाई की हो रही तैयारी
नगर निगम ने इन बकायेदारों को कई बार नोटिस भेजने के बावजूद भुगतान न करने पर अब कुर्की का सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। नगर निगम की टीम जल्द ही इन संपत्तियों पर कार्रवाई करने की योजना बना रही है। इस बार, नगर निगम का उद्देश्य बड़े बकायेदारों से वसूली करना है ताकि हाउस टैक्स की देनदारियों को समाप्त किया जा सके और नगर निगम की आय में वृद्धि हो सके।
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