Ranji Trophy :कर्नाटका के युवा बल्लेबाज स्मरण रविचंद्रन ने एक बार फिर से अपने शानदार बल्लेबाजी कौशल का प्रदर्शन किया है। 21 साल के इस बल्लेबाज ने रणजी ट्रॉफी में पंजाब के खिलाफ शतक ठोककर एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनका फॉर्म इस समय शीर्ष पर है। इससे पहले विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में भी उन्होंने विदर्भ के खिलाफ शानदार शतक लगाया था, जिसके कारण कर्नाटका ने यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट अपने नाम किया था। अब रणजी ट्रॉफी में भी उनकी तूफानी बल्लेबाजी जारी है, और उन्होंने पंजाब के खिलाफ खेले जा रहे मैच में बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में शतक ठोका।
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कर्नाटका की शानदार शुरुआत और स्मरण का योगदान

रणजी ट्रॉफी के इस मैच में कर्नाटका ने पहले दिन शानदार प्रदर्शन किया। कर्नाटका के तेज गेंदबाजों ने पंजाब की टीम को पहले दिन मात्र 55 रन पर ढेर कर दिया, जो एक बेहतरीन गेंदबाजी प्रदर्शन था। वहीं, दूसरे दिन बल्लेबाजी करते हुए स्मरण ने अपनी पारी को आगे बढ़ाया और शतक की ओर बढ़ते गए। उन्होंने 100 गेंदों में नाबाद 83 रन बनाए थे और दूसरे दिन उन्होंने अपना शतक पूरा किया। वर्तमान में वह 178 रन बनाकर नाबाद हैं, और कर्नाटका का स्कोर 6 विकेट पर 381 रन तक पहुंच चुका है।
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स्मरण का धैर्य और कौशल

स्मरण ने पंजाब के खिलाफ अपनी पारी में धैर्य और तकनीकी कौशल का शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने कभी भी जल्दबाजी नहीं दिखाई और अपनी पारी को पूरी स्थिरता और समझदारी से आगे बढ़ाया। उनके द्वारा निभाई गई साझेदारी भी उल्लेखनीय रही, खासकर अभिनव मनोहर और श्रेयस गोपाल के साथ उनकी मजबूत साझेदारी ने कर्नाटका की पारी को और भी मजबूती दी। इस पारी में स्मरण का बैटिंग क्लास नजर आया, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि वह एक बेहतरीन फर्स्ट क्लास खिलाड़ी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
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शुभमन गिल का बल्ला नहीं चला

पंजाब की टीम की बात करें तो शुभमन गिल का बल्ला इस मैच में कुछ खास नहीं चला। भारत के चैम्पियंस ट्रॉफी के कप्तान ने पहले दिन सिर्फ 4 रन बनाए और आउट हो गए। गिल का फॉर्म पिछले कुछ समय से संघर्ष करता हुआ दिख रहा है, खासकर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भी उनका बल्ला शांत रहा था। हालांकि, घरेलू क्रिकेट में फॉर्म वापस पाने का यह अच्छा मौका था, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सके। अब उनकी नजरें दूसरी पारी पर होंगी, जहां उन्हें बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
विजय हजारे ट्रॉफी में भी स्मरण का था धमाका
इससे पहले, विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में विदर्भ के खिलाफ स्मरण रविचंद्रन ने 92 गेंदों में 101 रन बनाकर कर्नाटका को पांचवीं बार यह प्रतिष्ठित खिताब दिलवाया था। इस पारी की बदौलत कर्नाटका ने विजय हजारे ट्रॉफी जीतने में सफलता प्राप्त की थी। इस टूर्नामेंट में स्मरण का कुल रन आंकड़ा 433 रन था, जिसमें दो शतक और दो अर्धशतक शामिल थे। उनका शानदार प्रदर्शन उन्हें एक भविष्य सितारे के रूप में उभार रहा है।