Sharad Purnima 2024 Niyam and Importance: सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित मानी जाती है। आश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन को साधक अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाते हैं। शरद पूर्णिमा का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है क्योंकि इसे सुख, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति के लिए बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं और जातक के कार्यों में आ रही बाधाओं का निवारण होता है।
गंगा स्नान का महत्व
शरद पूर्णिमा के दिन का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू गंगा स्नान और दान करना है। शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान करने से मनुष्य के पापों का नाश होता है और जीवन में शांति तथा समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन विशेष रूप से दान करना भी अत्यधिक फलदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए दान से व्यक्ति को विशेष पुण्य प्राप्त होता है और उसे जीवन में सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है।
अमृत की वर्षा का महत्व
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्णता में होता है और उसकी किरणों से अमृत की वर्षा होती है, जिसे ‘अमृत काल’ कहा जाता है। चंद्रमा की किरणों को अमृतमयी माना जाता है और इसीलिए शरद पूर्णिमा की रात को विशेष रूप से खीर बनाकर उसे चंद्रमा के प्रकाश में रखा जाता है। ऐसा विश्वास है कि चंद्रमा की किरणों से इस खीर में अमृत का संचार होता है, जो अगले दिन सेवन करने पर व्यक्ति के स्वास्थ्य, समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि करता है।
शरद पूर्णिमा का वैज्ञानिक दृष्टिकोण
धार्मिक मान्यताओं के अलावा, शरद पूर्णिमा का एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है। चंद्रमा की किरणों का मानव शरीर और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस समय का मौसम भी शुद्ध और शांत होता है, जिससे प्राकृतिक वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। खीर को चंद्रमा के प्रकाश में रखने से उसमें शीतलता और स्वास्थ्यवर्धक गुणों का समावेश होता है, जो इसे विशेष बनाता है।
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पूजा विधि
शरद पूर्णिमा का पर्व साधकों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है। इस दिन लोग विशेष रूप से गंगा स्नान, व्रत और पूजा करते हैं। घरों में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। इस दिन रात में जागरण करने और भक्ति गीत गाने का भी विशेष महत्व है। साथ ही, धार्मिक कथा सुनने और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन भी किया जाता है।
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शरद पूर्णिमा के दिन क्या करें
- चंद्रमा को अर्घ्य दें: चंद्रमा को जल अर्पित करें और मंत्रों का जाप करें
- मां लक्ष्मी की पूजा करें: मां लक्ष्मी की पूजा करें और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें
- दीपक जलाएं: घर में दीपक जलाएं इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
- मंत्रों का जाप करें: मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें
- धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें: धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें
- दान करें: जरूरतमंदों को दान करें
शरद पूर्णिमा के दिन क्या न करें
- नकारात्मक विचार: मन में नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए
- झगड़ा: किसी से झगड़ा नहीं करना चाहिए
- गुस्सा करना: गुस्सा नहीं करना चाहिए
- असत्य बोलना: झूठ नहीं बोलना चाहिए
- सौभाग्य की प्राप्ति