Sensex Closing Bell: शुक्रवार के कारोबारी दिन भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 1,017.23 अंक (1.23%) गिरकर 81,183.93 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 292.95 अंक (1.17%) की कमी के साथ 24,852.15 पर आ गया। यह गिरावट बाजार की समग्र कमजोरी को दर्शाती है, जो अमेरिकी रोजगार आंकड़ों से पहले की घबराहट के कारण उत्पन्न हुई है।
अमेरिकी रोजगार आंकड़ों की चिंता
अमेरिका में रोजगार के आंकड़े सामने आने से पहले निवेशकों में बेचैनी देखने को मिली। ये आंकड़े फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती के आकार और गति को निर्धारित कर सकते हैं, जिससे आने वाले समय में बाजार के रुझान पर असर पड़ेगा। फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने हाल ही में कहा था कि वे श्रम बाजार में अधिक कमजोरी का स्वागत नहीं करेंगे, जिससे सितंबर में दर कटौती की संभावना बढ़ गई है।
वैश्विक बाजारों में कमजोरी का असर
वैश्विक बाजारों में कमजोरी के कारण घरेलू शेयर बाजार में भी बिकवाली देखी गई। बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 81,200 से नीचे गिरकर 1,100 अंक से अधिक नीचे चला गया, वहीं निफ्टी 50 भी 24,900 अंक से नीचे आ गया। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 5.3 लाख करोड़ रुपये घटकर 460.35 लाख करोड़ रुपये रह गया, जो बाजार में निराशा की स्थिति को स्पष्ट करता है।
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प्रमुख शेयरों में गिरावट
सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, इंफोसिस, आईटीसी, एचसीएल टेक और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में गिरावट देखी गई। इन शेयरों की कमजोरी ने सेंसेक्स को बड़ी गिरावट की ओर धकेल दिया। सेक्टरवार दृष्टिकोण से, निफ्टी पीएसयू बैंक और ऑयल व गैस इंडेक्स में 2% से अधिक की गिरावट आई। वहीं, ऑटो, बैंक, मीडिया, मेटल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर में भी 1% तक की कमी आई।
घरेलू स्तर पर केंद्रित स्मॉल-कैप इंडेक्स में 0.9% की गिरावट आई, जबकि मिड-कैप इंडेक्स 1.3% तक फिसल गया।
हालांकि, एकल शेयरों में अशोका बिल्डकॉन के शेयरों में 6% तक की बढ़त देखी गई। इसकी सहायक कंपनी वीवा हाईवे ने पुणे की एक जमीन बेचकर 453 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं, जिससे कंपनी के शेयरों में बढ़ोतरी हुई है।
अमेरिकी रोजगार आंकड़ों से पहले बनी रही घबराहट
अमेरिका में प्रमुख रोजगार आंकड़ों से पहले निवेशकों के बीच घबराहट बनी रही, जिससे भारतीय और वैश्विक बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा। विश्लेषकों को उम्मीद है कि रोजगार की वृद्धि 165,000 नौकरियों तक पहुंच सकती है और बेरोजगारी दर 4.2% पर आ सकती है। हालिया आंकड़ों में नौकरियों के कम अवसर और निजी क्षेत्र में लाभ में कमी से बाजार की चिंता बढ़ गई है। इससे ब्याज दरों में 50 आधार अंक की कटौती की संभावना 42% हो गई है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज का विश्लेषण
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा कि अगर अगस्त के रोजगार आंकड़े उम्मीद से कमजोर रहते हैं, तो फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। हालांकि, बाजार इस संभावित कटौती को सकारात्मक ढंग से नहीं ले रहा है, जिससे शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, घरेलू बाजार में एफआईआई प्रकटीकरण मानदंड पर सेबी की समय सीमा के कारण भी घबराहट देखी गई।
हालांकि, उन्होंने कहा कि इसका दीर्घकालिक प्रभाव एफआईआई के लिए भारतीय बाजार की आकर्षण क्षमता पर नहीं पड़ेगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट और अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुस्ती की आशंकाएं भी बाजार पर दबाव बढ़ा रही हैं। इन सभी कारकों के चलते शुक्रवार को भारतीय और वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली।
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