IAS Sanjeev Hans Case: राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व विधायक गुलाब यादव और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव हंस (Sanjeev Hans) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के बाद उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ईडी ने पहले इनके ठिकानों पर छापेमारी की थी, फिर इनके रिश्तेदार, चार्टर्ड अकाउंटेंट और बिल्डर के यहां भी दस्तक दी।
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पीड़िता से पूछताछ के लिए ईडी ने भेजा नोटिस
अब ईडी ने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को पीड़िता को पूछताछ के लिए बुलाया है। पीड़िता ने पूर्व विधायक और आईएएस अधिकारी पर झांसा देकर शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था। सूत्रों के अनुसार, इसी महिला की शिकायत के बाद ईडी ने अपनी छानबीन को आगे बढ़ाया और पीड़िता से मिले सबूत के आधार पर गुलाब यादव और संजीव हंस के ठिकानों पर छापा मारा।
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मामले की एफआईआर दर्ज़

इस मामले में रूपसपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। सूत्रों की मानें तो पीड़िता को नोटिस देकर गांधी मैदान के निकट स्थित ईडी कार्यालय में बुलाया गया, जहां उससे पूछताछ चल रही है। संजीव हंस, जो कुछ दिन पहले तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ विभिन्न कार्यक्रमों में नजर आते थे, अब अकेले पड़ गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय की जांच शुरू होते ही राजनेताओं और अफसरों ने उनसे दूरी बना ली।
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संजीव हंस के पद से हटाए जाने की खबर

गुरुवार की शाम सरकार ने संजीव हंस को ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव पद से हटा दिया और उनसे बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी भी वापस ले ली। उनकी जगह 1993 बैच के आईएएस अधिकारी संदीप पौंड्रिक को इन सभी जिम्मेदारियों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। संजीव हंस के पास अब कोई जिम्मेदारी नहीं है और उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग में बगैर किसी भूमिका के अटैच कर दिया गया है।
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शारीरिक शोषण का आरोप
जब बिहार में तेजस्वी यादव के साथ सीएम नीतीश कुमार की पहली बार महागठबंधन सरकार बनी थी, तब गुलाब यादव विधायक थे। एक महिला अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि गुलाब यादव ने उसे राज्य महिला आयोग की सदस्य बनाने का झांसा देकर पटना बुलाया और उसका बलात्कार किया। जब उसने पुलिस में शिकायत की धमकी दी, तो गुलाब यादव ने शादी का झांसा देकर उसकी मांग में सिंदूर डाल दिया।
संजीव हंस की भी संलिप्तता
महिला अधिवक्ता के अनुसार, लंबे समय तक रिश्ते को सामाजिक मान्यता नहीं मिलने पर गुलाब यादव ने फिर झांसे में लिया और दूसरे राज्य के होटल में बुलाकर संबंध स्थापित किया। इस बार संजीव हंस ने भी महिला का शोषण किया। मामला जब खुला तो मुंह बंद रखने और बयान बदलने के लिए महिला को 90 लाख रुपये बैंक ट्रांसफर से दिए और एक लग्जरी गाड़ी भी गिफ्ट की।
ईडी की जांच में मिले सबूत

ईडी की छानबीन में संजीव हंस के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान उनके सरकारी पदों पर रहते हुए कंपनियों को फायदा पहुंचाने और इसके एवज में रुपये लेनदेन के दस्तावेज मिले। इस मामले में ईडी की एंट्री तब हुई जब पैसे का लेनदेन सामने आया। ईडी की जांच के चलते गुलाब यादव और संजीव हंस की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। महिला अधिवक्ता के आरोपों की पुष्टि होने के बाद मामला और गंभीर हो गया है। अब देखना यह है कि जांच में और क्या खुलासे होते हैं और इसके परिणामस्वरूप क्या कार्रवाई होती है। दोनों आरोपियों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया में तेजी आ सकती है और इस मामले में न्याय की उम्मीद जताई जा रही है।
गुलाब यादव और संजीव हंस के खिलाफ मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। ईडी की सक्रियता और पीड़िता के बयान से जांच में तेजी आई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में क्या और नए तथ्य सामने आते हैं और इन दोनों पर क्या कानूनी कार्रवाई होती है।
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