गाजियाबाद संवाददाता: प्रवीन मिश्रा
Ghaziabad: गाजियाबाद के स्कूलो में जिलाधिकारी कार्यालय के आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा है। कड़ाके की ठंड, शीतलहर के चलते 10:00 बजे से 3 बजे तक स्कूल लगाने के आदेश जारी किए गए थे और कड़ाई से पालन हो, यह भी लिखा गया था। लेकिन हालात यह है कि स्कूल प्रबंधक डीएम के आदेश को कितना गंभीरता से लेते है और बच्चों के स्वास्थ्य का कितना ख्याल है यकीन नहीं है तो इन तस्वीरों को देखिए।
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स्कूलों की समय में नहीं हुआ परिवर्तन
कड़की की ठंड और कोहरे के बीच सुबह के वक्त स्कूल में बच्चे आ रहे हैं जो टाइम पहले था आज भी इस समय पर इस स्कूल में बच्चे प्रवेश कर रहे हैं। जबकि जिलाधिकारी कार्यालय से आदेश जारी किया गया की ठंड और शीतलहर कोहरे को देखते हुए स्कूलों की समय में परिवर्तन किया गया है। जो स्कूल सुबह से लगते थे अब वह 10:00 बजे से 3:00 बजे तक लगेंगे ताकि ठंड से किसी बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रभाव न पड़े और कोहरे की वजह से कोई स्कूल बस का हादसा ना हो मगर यह तो गाजियाबाद में डीएम दफ्तर के आदेश की सरासर अवहेलना है।
आदेश की कॉपी उनके लिए मात्र कागज का टुकड़ा
इस बात से लग रहा है या तो स्कूल प्रबंधक डीएम के आदेश को गंभीरता से नहीं लेते या फिर उन पर आदेश की कॉपी पहुंची ही नहीं है। दोनों में से कोई सी भी वजह को दलील माना जाए तो फिर भी बात हजम नहीं होती है। आम लोगों का तो यही कहना है कि स्कूल प्रबंध बहुत मजबूत है कि डीएम के आदेश की कॉपी उनके लिए मात्र कागज का टुकड़ा है । स्कूल प्रबंधकों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए जब-जब जिलाधिकारी कार्यालय से इस तरह के कोई आदेश आते हैं चाहे सर्दी में गर्मी में या बरसात में तो स्कूल वाले अपनी ही चलाते हैं। अब सर्दी का इन्हें कोई ध्यान नहीं है जिसका बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
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