Electoral Bond Case: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों और राजनीतिक दलों का डेटा सार्वजनिक कर दिया.इस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से सुनवाई हुई जहां सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को फटकार लगाते हुए नोटिस जारी किया है.कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एसबीआई से पूछा कि,बॉन्ड नंबरों का खुलासा क्यों नहीं किया गया.इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से जवाब मांगा है।
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सोमवार को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने सवाल उठाया कि,एसबीआई ने बॉन्ड का यूनिक नंबर नहीं जारी किया है जबकि कोर्ट में एसबीआई की ओर से कोई मौजूद नहीं था.इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को फिर से सुनवाई होगी।जाहिर है सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद एसबीआई ने बुधवार को भारतीय चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा सौंपा था इसके बाद गुरुवार को चुनाव आयोग ने गुरुवार को इसका डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है लेकिन इसमें किसी बॉन्ड का यूनिक नंबर नहीं दिया गया है।
लिस्ट में यूनिक नंबर की नहीं दी जानकारी
मुख्य न्यायाधीश डीवाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एसबीआई से कहा,हमारा निर्देश आपके लिए बहुत स्पष्ट था..हमने पूरा ब्योरा देने के लिए कहा था लेकिन आपने यूनिक नंबर की जानकारी लिस्ट में नहीं दी है.कोर्ट ने इसके लिए एसबीआई को 18 मार्च तक का समय दिया है,सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि,अगर इस बारे में एसबीआई को कुछ कहना है तो उससे सवाल किया जा सकता है।
फ्यूचर गेमिंग कंपनी ने खरीदे सबसे अधिक बॉन्ड
आपको बता दें कि,एसबीआई ने 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक का डेटा दिया है.इसमें सबसे अधिक बॉन्ड खरीदने वालों में फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज का नाम है.कंपनी ने राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से 1,368 करोड़ रुपये का चंदा दिया है.कंपनी ने ये बॉन्ड 21 अक्टूबर 2020 से जनवरी 2024 के बीच खरीदे थे.वहीं लिस्ट में दूसरे नंबर पर मेघा इंजीनियरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का है जिसने कुल 821 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं।
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