Uttarkashi Tunnel Collapse : उत्तरकाशी जिले से एक खबर सामने आ रही हैं । जहां पर एक बड़ा हादसा हो गया था। बता दें कि 40 मजदूर फंस गए हैं। निर्माणाधीन टनल का 50 मीटर का हिस्सा भी अचानक धंस गया। जिसकी वजह से वहां पर काम कर रहे मजदूर मलबे के अंदर दब गए। वहीं कई दिनो से उत्तरकाशी: सुरंग में फंसीं 40 मजदूर की जिंदगियां दाव पर लगी है, इसके साथ 16-17 नवंबर तक पूरी रात काम करते हुए, एक नई उच्च क्षमता वाली मशीन का उपयोग करके, बचावकर्मियों ने शुक्रवार तक सिल्क्यारा सुरंग में मलबे के माध्यम से 22 मीटर तक ड्रिलिंग की, जिससे वहां पांच दिनों से फंसे 40 मजदूरों के करीब पहुंच गए।
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बता दें कि 800 मिमी और 900 मिमी व्यास वाले पाइपों को एक के बाद एक डालने के लिए श्रमिकों को 60 मीटर से अधिक तक ड्रिल करने की आवश्यकता होती है – एक विशाल ड्रिल मशीन की मदद से जब तक कि ढहे हुए हिस्से के पीछे फंसे मजदूरों के लिए भागने का मार्ग नहीं बन जाता।
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आपदा प्रबंधन ने बताया कि
बचावकर्मियों को उम्मीद है कि शुक्रवार रात तक ड्रिलिंग पूरी कर ली जाएगी और पाइपों को एक साथ जोड़कर एक एस्केप टनल तैयार कर ली जाएगी। पटवाल के अनुसार, हालांकि कुछ श्रमिकों को बुधवार को बुखार और शरीर में दर्द का अनुभव हुआ, लेकिन उनकी समग्र स्थिति में कोई गिरावट नहीं आई है। हर दो घंटे में एक पाइप के जरिए उन तक मेवे, भुने चने, पॉपकॉर्न और दवाइयां भेजी जा रही हैं।
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राज्य आपातकालीन केंद्र ने कहा कि
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ और आईटीबीपी सहित कई एजेंसियों के 165 कर्मियों द्वारा चौबीसों घंटे बचाव कार्य चलाया जा रहा है। एपी ने राज्य सरकार के प्रशासक के हवाले से बताया कि राज्य के अधिकारियों ने थाई विशेषज्ञों से संपर्क किया है जिन्होंने 2018 में थाईलैंड की एक गुफा में फंसी एक युवा फुटबॉल टीम को बचाने में मदद की थी। उन्होंने संभावित मदद के लिए नॉर्वेजियन जियोटेक्निकल इंस्टीट्यूट से भी संपर्क किया है।
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200 मीटर की दूरी पर भूस्खलन हुआ..
मिली कुछ जानकारी के अनुसार निर्माणाधीन टनल में सिलक्यारा की तरफ से सुरंग के मुख्य द्वार से करीब 200 मीटर की दूरी पर भूस्खलन हुआ था। जिसके कारण काम कर रहे सभी मजदूर अंदर फंस गए थे। ऐसा बताया जा रहा है कि जो मजदूर सुरंग में काम कर रहे थे वे सभी फिलहाल 2800 मीटर अंदर मौजूद हैं।