Ram Mandir update news : Ayodhya में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के दिव्य मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की दिन जैस-जैसे नजदीक आ रही है, तैयारियां उतनी ही तेज होती जा रही हैं। वहीं काशी से ही हवन, पूजन और प्राण प्रतिष्ठा समारोह की सामग्री अयोध्या जाएगी। इन सब की जिम्मेदारी काशी के वैदिक ब्राह्मणों पर है, इस बीच उन्होनें राम मंदिर के प्रण प्रतिष्ठा को लेकर शुभ मुहूर्त भी निकाला है , जो कि 84 सेकेंड के सूक्ष्म मुहूर्त में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा होगा।
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प्राण प्रतिष्ठा समारोह में चारों वेदों के साथ ही कृष्ण यजुर्वेदीय शाखा के 51 वैदिक ब्राह्मण काशी से रवाना होंगे। यह शुभ मुहूर्त PM मोदी के साथ-साथ देश के लिए भी बहुत शुभ माना जा रहा है। वहीं रामलला की प्रण प्रतिष्ठा के लिए देश भर से 5 मुहूर्त प्रस्तावित किए गए थे। राममंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अंत में गीर्वाणवाग्वर्धिनी सभा और काशी के विद्वानों पर अंतिम निर्णय छोड़ दिया।
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PM मोदी के लिए भी होगी यह मुहूर्त लाभकारी..
बता दें कि सबसे अधिक शुभ मुहूर्त 22 जनवरी को माना जा रहा था। जिसके बाद देशभर के ब्राह्मणों की ओर से , 17,21,24,25 को प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त दिया गया था।
जिसके बाद ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने एक मुहूर्त चुना है, जो की 22 जनवरी की है, उन्होनें बताया कि – यह तिथि पांच बाण अग्नि बाण, मृत्यु बाण, चोर बाण, नृप बाण और रोग बाण से पूरी तरह से मुक्त है। इसके कारण यह देश के लिए संजीवनी योग का निर्माण कर रही है, इसके साथ PM मोदी के लिए भी लाभकारी होगी।
देशभर के विद्वानों से किया जा रहा संपर्क
वहीं काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण और राममंदिर के शिलान्यास का मुहूर्त निकालने वाले पं. गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने बताया कि – ( मेष लग्न में वृश्चिक नवांश में अभिजीत मुहूर्त में श्रीरामजन्मभूमि में रामलला की मूर्ति स्थापना के लिए अतिसूक्ष्म मुहूर्त है। ये दोपहर में 12 बजकर 29 मिनट आठ सेंकेंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड तक 84 सेकेंड का है ये शुभ मुहूर्त है।) इसके साथ ही पं. अरुण दीक्षित ने बताया कि – राममंदिर के शिलान्यास में कोई पुजा छुट न जाए इस लिए देशभर के ग्रंथों के अध्ययन के साथ ही देश भर के विद्वानों से संपर्क किया जा रहा है। वहीं रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में 8 मंडप बनाए जाएगें।
वहीं काशी से अयोध्या जा रहे वैदिक चारों वेदों का पारायण करेंगे। इसके साथ ही काशी से 108 कलश पंचगव्य, 10 तरह की समीधा, सहस्त्रछिद्राभिषेक के लिए घड़ा, तीर्थों का जल, नवरत्न, पंचरत्न, पारा और सप्तधान्य अयोध्या पूजन के लिए जाएगा।