Defamation Case: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मानहानि मामले में सुल्तानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए है. यह मामला गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर अभद्र टिप्पणी से संबंधित है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 12 अगस्त को होगी. राहुल गांधी की पेशी विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा के न्यायालय में हुई. न्यायाधीश ने राहुल गांधी से सवाल किया, “क्यों चला मुकदमा?” इस पर राहुल गांधी ने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते उन्हें फंसाया गया है और उन्होंने बेंगलुरु के पत्रकार वार्ता में ऐसा कोई बयान नहीं दिया था. 12 अगस्त को प्रतिवादी विजय मिश्र के अधिवक्ता की तरफ से गवाह पेश होंगे.
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क्या था पूरा मामला ?
बताते चले कि राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा नेता विजय मिश्र ने पांच साल पहले विशेष न्यायालय में परिवाद दायर किया था. इसमें आरोप था कि 15 जुलाई 2018 को पार्टी कार्यकर्ता अनिरुद्ध शुक्ल और दिनेश कुमार ने अपने मोबाइल पर एक वीडियो क्लिप दिखाया था, जिसमें राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अमित शाह (Amit Shah)को हत्यारा कह रहे थे. यह बयान जस्टिस लोया की मृत्यु से संबंधित था, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शाह को क्लीन चिट दे दी गई थी.
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मजिस्ट्रेट ने कड़ा रुख अपनाया
आपको बता दे कि परिवादी व दो गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को विशेष मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने आईपीसी की धारा 500 के तहत सुनवाई के लिए तलब किया. 20 फरवरी को न्यायालय में पेश होकर उन्होंने जमानत करा ली थी और उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दी गई थी. पिछली कुछ पेशियों पर न आने के कारण मजिस्ट्रेट ने कड़ा रुख अपनाया. इस पर राहुल गांधी के अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ल ने 26 जुलाई को पेश होने के लिए अवसर मांगा था.
5 महीने में दूसरी बार सुल्तानपुर पहुंचे
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पांच महीने में दूसरी बार सुल्तानपुर पहुंचे इससे पहले वह लोकसभा चुनाव के दौरान 20 फरवरी को न्यायालय में पेश हुए थे. उस समय बड़ी संख्या में अमेठी और सुलतानपुर के लोग उनसे मिलने पहुंचे थे. मामला न्यायालय की पेशी का था, इसलिए राहुल (Rahul Gandhi) आए और करीब 20 मिनट में न्यायालय की प्रक्रिया पूरी कर निकल गए. समर्थकों और विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं की नारेबाजी के बीच वह मुस्कुराते हुए बिना कुछ बोले ही चले गए.
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