पंजाब के बठिंडा में पराली जलाने से रोकने पहुंचे अफसरों को किसानों ने बंधक बना लिया और फिर अधिकारियों को ही पराली जलाने पर मजबूर किया। बता दे कि ये अफसर आग लगाने से रोकने वाली टीम का हिस्सा था और गांव में किसानों को पराली ना जलाने के लिए रोकने गया था।
Stubble Burning: पंजाब के बठिंडा जिले में किसानों के एक समूह ने खेतों में आग लगाने से रोकने वाली टीम के एक सरकारी अधिकारी को कथित तौर पर धान की पराली के ढेर में आग लगाने के लिए मजबूर किया। बता दे कि शनिवार को पराली जलाने से रोकने पहुंचे अफसरों को किसानों ने बंधक बना लिया और फिर अधिकारियों के हाथ से पराली जलाने पर मजबूर किया। वही पुलिस ने इस मामले में किसानों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। वही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मामले पर दुख जताते हुए आरोपितों पर केस दर्ज करने के आदेश जारी किए।
डीसी ने कहा कड़ी कार्रवाई करेंगे…
डीसी ने कहा कि मामले में प्राथमिकी दर्ज की जायेगी और घटना के लिए जो लोग भी जिम्मेदार होंगे, उन्हें जेल भेजा जायेगा। उन्होंने कहा, “मैं खुद भी गांव का दौरा कर रहा हूं। हम इसे यूं ही नहीं छोड़ देंगे. अराजकता हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।” बठिंडा पुलिस ने मामले में भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धारा 353 (अपने कर्तव्य के निष्पादन में लोक सेवक के खिलाफ हमला या आपराधिक बल का उपयोग), 186 (किसी भी लोक सेवक के सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना), 342 (सदोष परिरोध के लिए सजा), 506 (आपराधिक धमकी) और 149 (गैरकानूनी सभा) के तहत मामला दर्ज किया।
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हाथों में तीलियां लेकर ऑक्सीजन खत्म करने में लगे हैं…
ਪਿਆਰੇ ਪੰਜਾਬੀਓ ਆਹ ਕਿਹੜੇ ਰਾਹਾਂ 'ਤੇ ਤੁਰ ਪਏ ?? .. ਸਰਕਾਰੀ ਕਰਮਚਾਰੀ ਪਰਾਲ਼ੀ ਨਾ ਜਲਾਉਣ ਦਾ ਸੰਦੇਸ਼ ਲੈ ਕੇ ਗਿਆ ਪਰ ਓਸੇ ਤੋਂ ਅੱਗ ਲਗਵਾਈ..ਹਵਾ ਨੂੰ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੇ ਗੁਰੂ ਦਾ ਦਰਜਾ ਦਿੱਤਾ .. ਅਸੀਂ ਇਸ ਦਰਜੇ ਨੂੰ ਬਰਬਾਦ ਕਰਨ ਲਈ ਆਪਣੇ ਹੱਥਾਂ 'ਚ ਤੀਲੀਆਂ ਲੈ ਕੇ ਅਪਣੇ ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਹਿੱਸੇ ਦੀ ਆਕਸੀਜਨ ਨੂੰ ਖਤਮ ਕਰਨ ਲੱਗੇ… pic.twitter.com/JHzshx4fhs
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) November 4, 2023
सीएम मान ने आगे लिखा कि सरकारी कर्मचारी पराली ना जलाने का संदेश लेकर गया पर उसी से आग लगवा दी। हवा को गुरु साहिब ने गुरु का दर्जा दिया। हम इस दर्जे को बर्बाद करने के लिए अपने हाथों में तीलियां लेकर अपने बच्चों के हिस्से की ऑक्सीजन को खत्म करने में लगे हैं। पर्चा दर्ज होने लगा है।
आखिर क्यों पराली जलाते हैं किसान?
पंजाब में पराली जलाने के शुक्रवार को 1551 मामले दर्ज किए गए. पिछले तीन दिनों में ही पंजाब में पराली जलाने के 5140 मामले सामने आ चुके हैं जोकि अब तक पंजाब में पराली जलाने के मामलों का 40% है। पंजाब में पराली जलाने के मामलों का आंकड़ा बढ़कर 12813 हो गया है। पिछले तीन दिनों में ही पंजाब में पराली जलाने के मामले में 150% की बढ़ोतरी हुई है। 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक पंजाब में पराली जलाने के कुल 7673 मामले थे, जो कि अब तीन दिनों में बढ़कर 13000 के करीब पहुंच चुके हैं। 1 नवंबर को पंजाब में 1921, 2 नवंबर को 1668 और 3 नवंबर को 1551 मामले सामने आए हैं।
क्या है पूरा मामला…
मामला बीते शुक्रवार का है जब बठिंडा के मेहमा सरजा गांव में विशेष पर्यवेक्षक दल पराली जलाने की घटनाओं की जांच करने के लिए गया था। इस दारौन 50 से 60 किसानों के एक समूह ने उन्हें घेर लिया और खेत में ले गए। वहां अधिकारी को पराली के ढेर में आग लगाने के लिए मजबूर किया गया।