Independence Day Celebrations: स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 11वीं बार लालकिले की प्राचीर से जब देश को संबोधित किया तो सभी की निगाहें उनके भाषण से ज्यादा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बैठने की जगह पर टिक गई। दरअसल,15 अगस्त के मौके पर लालकिले पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रियों (Union Ministers) के अलावा विपक्ष के कई नेताओं को भी आमंत्रित किया जाता है और सभी नेताओं को उनके पद और प्रतिष्ठा के अनुसार बैठने के लिए सीट की व्यवस्था की जाती है।इस बीच कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है जिसमें उन्हें ओलंपिक पदक विजेताओं के पीछे की सीट बैठने के लिए दी गई थी।
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राहुल गांधी के बैठने की जगह पर सियासत तेज
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को पीछे बिठाने को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा,छोटे मन के लोगों से बड़ी चीजों की उम्मीद करना बेमानी है।नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को स्वतंत्रता दिवस के समारोह में 5वीं लाइन में बिठाकर नरेंद्र मोदी ने अपनी कुंठा जरुर दिखाई लेकिन इससे राहुल गांधी को कोई फर्क नहीं पड़ता है।सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinate) ने कहा,नेता प्रतिपक्ष का दर्जा कैबिनेट मंत्री का होता है सरकार के मंत्री पहली पंक्ति में बैठे थे तो इन छुद्र मानसिकता वालों को लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की भी कोई परवाह नहीं है।
शरद पवार ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है…प्रधानमंत्री अब समय आ गया है कि,आप 4 जून के बाद नई वास्तविकता को स्वीकार करें उन्होंने कहा जिस अहंकार से स्वाधीनता दिवस समारोह में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष को आपने अंतिम पंक्ति में भेज दिया उससे लगता है कि,आपने सबक नहीं सीखा। कांग्रेस नेताओं के बाद अब एनसीपी (शरद गुट) के प्रमुख शरद पवार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
अटल जी के कार्यकाल को किया याद
शरद पवार ने कहा,स्वतंत्रता दिवस समारोह (Independence Day celebrations) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को अंतिम पंक्ति में बिठाकर केंद्र ने विपक्ष के नेता के पद का सम्मान नहीं किया है पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा,भले ही लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत नहीं मिला फिर भी संविधान के लिए खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है।
शरद पवार (Sharad Pawar) ने आरोप लगाया कि,प्रधानमंत्री संसद का सम्मान नहीं करते हैं बजट सत्र के दौरान पीएम एक दिन भी सदन में नहीं आए उन्होंने कहा,जिस तरह प्रधानमंत्री एक संस्था हैं उसी तरह विपक्ष के नेता भी एक संस्था हैं जिस तरह पीएम पद की प्रतिष्ठा बरकरार रखनी चाहिए उसी तरह नेता प्रतिपक्ष की भी प्रतिष्ठा को बरकरार रखना चाहिए।पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी के शासनकाल को याद करते हुए शरद पवार ने कहा जब उनके कार्यकाल में विपक्ष के नेता थे तो स्वतंत्रता दिवस समारोह में उनके बैठने की व्यवस्था कैबिनेट मंत्रियों के साथ थी.
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