Digital Arrest: दुर्ग में डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) मामले में दुर्ग पुलिस की बड़ी कार्रवाई सामने आई है. डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त बैंक खातें में रजिस्टर्ड सिम व मोबाईल फोन बरामद किया गया।20 नवंबर को डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया था इस मामले में ठगों नें मिलकर निजी कंपनी में काम करने वाले व्यक्ति को पांच दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख रुपयों की धोखाधड़ी की थी।
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CBI,ED का डर दिखाकर 49 लाख की धोखाधड़ी
जानकारी के मुताबिक 16 नवंबर को रूआबांधा के रहने वाले पीड़ित इंद्र प्रकाश कश्यप ने भिलाई नगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि उन्हें अज्ञात नंबरों से व्हाट्सऐप कॉल और मैसेज के जरिए ट्राई, सीबीआई और ईडी के अधिकारी बनकर संपर्क किया था इसके बाद डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाते हुए पैसों को वेरिफाई करने के नाम पर 49 लाख रुपये एक कथित सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए।पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस प्रकरण में एक आरोपी गिरफ्तार हो चुका है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
16 नवंबर 2024 को अज्ञात नंबर से कॉल पर की धोखाधड़ी
डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) का यह पूरा मामला 16 नवंबर 2024 का है जहां पीड़ित इंद्रप्रकाश कश्यप खड़गपुर की एक निजी कंपनी में काम करता है जिसके पास एक अज्ञात नंबर से कॉल आती है जिसमें कॉल करने वाला शख्स मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेट एटरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को गिरफ्तार करने की बात कहता है और कहता है कि,जांच में शामिल खातों में एक खाता आपके नाम है जिस पर पीड़ित आरोपी को बताता है कि,जिस खाते की जानकारी उसे दी गई यह उसका नहीं बल्कि दूसरे खाते की जानकारी पीड़ित द्वारा आरोपी को दी जाती है जिसमें बड़ी राशि जमा है।
पीड़ित शख्स ने दुर्ग पुलिस में दर्ज कराई शिकायत
पीड़ित द्वारा जब आरोपी को दूसरे खाते की जानकारी दी जाती है तो उसके बाद पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest)कर लिया जाता है आरोपियों ने बड़े ही शातिर तरीके से डिजिटल अरेस्ट कर बैंक अकाउंट में जमा राशि को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर पीड़ित के खाते में जमा 49 लाख रुपये को दूसरे खाते में जमा कराने को कहता है जिसके बाद भिलाई पहुंचकर आरोपियों के बताए बैंक अकाउंट में रकम को ट्रांसफर कर दिया जाता है लेकिन थोड़ी ही देर बाद पीड़ित को अहसास होता है उसके साथ ठगी की गई जिसकी शिकायत पीड़ित दुर्ग पुलिस में करता है।
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