Dawood Ibrahim Hospitalised : सोशल मीडिया पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम इस वक्त की सुर्खियों में है, वजह यह है कि अंडरवर्ल्ड डॉन को जहर दिए जाने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, साथ ही दवा किया जा रहा है कि उसे पाकिस्तान के कराची में जहर दिया गया है, जिसके बाद उसे कराची के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि इसको लेकर किसी तरह का आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
Read more : बसंतर दिवस के मौके पर बहादुर सैनिकों को दी गई श्रद्धांजलि
दाऊद जहर दिए जाने का दावा..
बता दें कि पाकिस्तान में दाऊद को जहर देने की खबर के बाद हलचल तेज हो गई है। वहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक हालत गंभीर होने की वजह से उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दाउद को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है और जिस फ्लोर पर वह एडिमट है, वहां किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है, सिर्फ शीर्ष अधिकारियों और परिवार के करीबी लोग ही वहां जा सकते हैं, बाकी को जाने की इजाजत नहीं है। इसके साथ दावा किया जा रह है कि अंडरवर्ल्ड डॉन को उसके घर पर ही जहर दिया गया है, जिससे उसकी हालत बिगड़ी है। हालांकि इन रिपोर्ट की पुष्टि नहीं हो सकी है। 67 साल के दाऊद पर भारत में कई केस हैं, जिनसे बचते हुए वह कई सालों से कराची में रह रहा है।
Read more : पहले ODI में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 8 विकेट से दी करारी शिकस्त
पाकिस्तान पत्रकार ने बताया कि..
(“सुनने में आ रहा है कि दाऊद इब्राहिम को किसी ने जहर दिया है, और उसके बाद उसकी तबीयत तबीयत खराब हो गई है, उसकी हालत काफी खराब है उसको कराची के किसी हॉस्पिटल में रखा गया है, और ये खबर भी जो है कहीं ना कहीं सोशल मीडिया में गर्दिश कर रही है, कहां तक ठीक है मालूम नहीं, लेकिन एक बात इस ओर इशारा कर रही है कि दाल में कुछ काला है, पाकिस्तान में सोशल मीडिया और इंटरनेट का सर्वर डाउन कर दिया गया है.”)
डी-कंपनी का मुखिया था दाऊद..
अगर हम दाऊद इब्राहिम की बात करें तो इन्का जन्म दिसंबर 1955 में महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में हुआ था, इसके पिता इब्राहिम कासकर पुलिस कांस्टेबल थे, कुछ समय बाद दाऊद इब्राहिम का परिवार मुंबई के डोंगरी इलाके में बस गया था, वहीं 70 के दशक में दाऊद का नाम मुंबई के अंडरवर्ल्ड में तेजी से उभरने लगा था, पहले वो हाजी मस्तान गैंग में काम करता था। उसके बाद वहां रहते रहते उसका प्रभाव बढ़ने लगा, उसके गैंग को लोग डी-कंपनी कहने लगे थे, वो उसका मुखिया माना जाता था।