PM Modi Foreign Visits: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16-17 नवंबर को नाइजीरिया के दौरे पर होंगे। यह यात्रा खास है, क्योंकि 17 साल के लंबे अंतराल के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री नाइजीरिया जा रहा है। इससे पहले 2007 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस अफ्रीकी देश का दौरा किया था। उस समय भारत और नाइजीरिया के बीच रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी गई थी।
पीएम मोदी नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला अहमद टीनूबू के निमंत्रण पर वहां जाएंगे। यह यात्रा भारत-अफ्रीका संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। नाइजीरिया में प्रधानमंत्री का स्वागत राष्ट्रपति विला में होगा। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी, जिसमें रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा की जाएगी।
ब्राजील में जी-20 शिखर सम्मेलन में लेंगे हिस्सा
नाइजीरिया की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी 18-19 नवंबर को ब्राजील पहुंचेंगे। यहां वे जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। सम्मेलन के इतर पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, मोदी-जिनपिंग की संभावित बैठक सीमा विवाद और आर्थिक सहयोग पर चर्चा के लिए अहम मानी जा रही है। वहीं, बाइडन के साथ बैठक भारत-अमेरिका संबंधों के नए आयाम तय कर सकती है, हालांकि बाइडन के पद छोड़ने और डोनाल्ड ट्रंप के आगामी कार्यकाल की संभावना को देखते हुए कोई ठोस कूटनीतिक निर्णय बाद के लिए टल सकता है।
गुयाना यात्रा: 1968 के बाद पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री का दौरा
ब्राजील के बाद प्रधानमंत्री 19-21 नवंबर तक गुयाना की राजकीय यात्रा करेंगे। यह दौरा ऐतिहासिक होगा, क्योंकि 1968 के बाद पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा इस दक्षिण अमेरिकी देश की यात्रा की जाएगी। यह यात्रा भारत और गुयाना के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की उम्मीद है।
भारत के वैश्विक कूटनीतिक एजेंडे को मिलेगी मजबूती
पीएम मोदी का यह दौरा न केवल भारत-अफ्रीका और भारत-दक्षिण अमेरिका संबंधों को नया आयाम देगा, बल्कि जी-20 के मंच पर भारत की मजबूत कूटनीतिक स्थिति को भी रेखांकित करेगा। नाइजीरिया, ब्राजील, और गुयाना तीनों देशों की यात्रा से भारत की रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को नई दिशा मिलेगी। नाइजीरिया, जो अफ्रीका का सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है, भारत के लिए ऊर्जा सहयोग का बड़ा केंद्र बन सकता है। पीएम मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के व्यापार और ऊर्जा सहयोग को नई धार देगी।
जी-20 में भारत की भूमिका
ब्राजील में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत की सक्रिय भूमिका अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी बढ़ती ताकत को दर्शाएगी। सम्मेलन के दौरान जलवायु परिवर्तन, वैश्विक व्यापार और डिजिटल समावेशन जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा भारत के वैश्विक एजेंडे को आगे बढ़ाने और नई कूटनीतिक साझेदारियों की नींव रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे भारत की विदेश नीति में नई ऊर्जा और व्यापकता का संचार होगा।