लखनऊ संवाददाता: मोहम्मद कलीम
लखनऊ: बलरामपुर अस्पताल की आरडीसी केंद्र से मिलने वाली रिपोर्ट बंद हो गई है। दो दिनों पहले यह बंद की गई थी। जिससे जुड़ी खून की जांच रिपोर्ट के लिए मरीज परिसर के चक्कर लगा रहे हैं। नए आदेश से इमरजेंसी के साथ ऑपरेशन कराने वाले मरीजों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई मरीजों के तो ऑपरेशन भी प्रभावित हो रहे हैं। पहले आरडीसी केंद्र की रिपोर्ट पैथालॉजी में 24 घंटे में मिलती थी। इससे मरीजों के इलाज में देरी हो रही है।
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इमरजेंसी में रोजाना 200 से अधिक मरीजों का इलाज होता
बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब छह हजार और इमरजेंसी में रोजाना 200 से अधिक मरीजों का इलाज होता है। इमरजेंसी समेत अन्य विभागों की ओर से रोजाना करीब 30 छोटे बड़े ऑपरेशन होते हैं। रोजाना पैथालॉजी से करीब एक हजार मरीजों की खून की जांच होती है। जबकि परिसर के अल्ट्रासाउंड कक्ष के ऊपर पहली मंजिल पर बने आरडीसी केंद्र से रोजाना 150 से 200 मरीजों की खून की जांच होती है।
आरडीसी केंद्र का सर्वर पैथालॉजी में बंद कर दिया
अस्पताल के अफसरों के निर्देश पर दो दिन से आरडीसी केंद्र से जुड़ी खून की जांचों की रिपोर्ट 24 घंटे पैथालॉजी में मिलना बंद हो गई है। आरडीसी केंद्र का सर्वर पैथालॉजी में बंद कर दिया गया है। अस्पताल में पैथालॉजी 24 घंटे खुलती है, जबकि आरडीसी केंद्र दोपहर दो बजे ओपीडी के साथ ही बंद हो जाता है। आरडीसी में वायरल मार्कर, एचबी1 एसी, विटामिन बी2, विटामिन डी3 समेत कई जरूरी जांचें होती हैं। इनमें से वायरल मार्कर की जांच ऑपरेशन के लिए बहुत जरूरी होती है। बिना वायरल मार्कर की जांच आए किसी भी प्रकार का छोटा या बड़ा ऑपरेशन डॉक्टर नहीं करते हैं।
जांच रिपोर्ट दो दिन से मिलना बंद
आरडीसी केंद्र दोपहर दो बजे बंद हो जाता है। ऐसे में इमरजेंसी में आने वाले मरीज और जिनका तुरंत ऑपरेशन होता है। उन्हें जांच रिपोर्ट तुरंत चाहिए होती है। ऐसे लोगों को जांच रिपोर्ट दो दिन से मिलना बंद हो गई। इसके अलावा रेडियोलॉजी विभाग से भी सिर्फ दोपहर दो बजे तक ही रिपोर्ट दी जा रही है। इस वजह से ऑपरेशन करने में देरी हो रही है। मरीज की जान पर बन आ रही है।
डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि ..
पैथोलॉजी प्रभारी डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि आरडीसी के सर्वर को 24 घंटे पैथालॉजी से हटाया गया है। पैथालॉजी में मरीजों को 24 घंटे रिपोर्ट दी जाती रही है। अब रिपोर्ट रेडियोलॉजी यानी अल्ट्रासाउंड कक्ष के ऊपर प्रथम तल पर दोपहर दो बजे तक ही मिल रही है। इससे मरीजों को कोई दिक्कत नहीं है।
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