Delhi News:केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है.वो ये कि,सीबीएसई ओपन बुक परीक्षा के कॉन्सेप्ट पर विचार कर रही है.खबर के मुताबिक सीबीएसई पिछले साल जारी नए नेशनल कैरिकुलम फ्रेमवर्क में उल्लिखित सिफारिशों के अनुरूप,कक्षा 9वीं से 12वीं तक के सभी छात्रों के लिए ओपन बुक परीक्षा पर विचार कर रहा है।बोर्ड साल के अंत में अपने चुनिंदा स्कूलों में ओपन-बुक टेस्ट का परीक्षण आयोजित करने की योजना बना रहा हैं।ये परीक्षण कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए इंग्लिश, मैथमेटिक्स,साइंस और कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए इंग्लिश,मैथमेटिक्स और बायोलॉजी जैसे विषयों को कवर करेंगे ताकि छात्रों द्वारा इसे पूरा करने में लगने वाले समय का मूल्यांकन किया जा सके।
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ओपन बुक एक्जाम क्या है?
ओपन बुक एक्जाम,एक ऐसी परीक्षा है जिसमें बच्चों को किताबों को बंद करके नहीं बल्कि किताब खोलकर परीक्षा देनी होगी.ओपन-बुक परीक्षा में,छात्रों को परीक्षा के दौरान अपने नोट्स,पाठ्यपुस्तकें या अन्य अध्ययन सामग्री ले जाने और उन्हें देखने की अनुमति होगी।ये परीक्षा छात्रों के ज्ञान का नहीं बल्कि छात्रों की विषयों की समझ का मूल्यांकन करने की एक नई पद्धति है.जो पारंपरिक बंद किताब प्रारूप के विपरीत,खुली किताब परीक्षाएं छात्रों को प्रश्नों का उत्तर देते समय स्टडी मैटेरियल,नोट्स और अन्य उपयोगी स्रोतों का संदर्भ लेने की अनुमति देती है।
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टेस्ट रन नवंबर-दिसंबर तक
खबरों के मुताबिक,इस पायलट को इस साल नवंबर-दिसंबर में आयोजित करने का प्रस्ताव है और अपने अनुभव के आधार पर सीबीएसई बोर्ड ये तय करेगा कि,कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए उसके सभी स्कूलों में मूल्यांकन के इस रूप को अपनाया जाना चाहिए या नहीं।ये पायलट छात्रों के उच्च-स्तरीय सोच कौशल,एप्लीकेशन,एनालिसिस,क्रिटिकल और क्रिएटिव थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग की क्षमताओं का आकलन करने पर फोकस होगा।
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जून तक स्कूलों में हो सकती है शुरू
सीबीएसई बोर्ड जून तक ओपन बुक परीक्षा पायलट के डिजाइन और विकास को पूरा करने की योजना बना रहा है और इसके लिए उसने दिल्ली विश्वविद्यालय से परामर्श करने का फैसला किया है.दिल्ली यूनिवर्सिटी का अगस्त 2020 में कोविड महामारी के दौरान जब शैक्षणिक कैलेंडर डिस्टर्ब हो गया था तब ओपन बुक टेस्ट की शुरुआत की गई थी,हालांकि उस समय इसका काफी विरोध हुआ था।