Nepal Plane Crash: नेपाल की राजधानी काठमांडू में सौर्य एयरलाइंस का एक विमान क्रैश हो गया, जिसमें क्रू मेंबर्स सहित कुल 19 लोग सवार थे। इस हादसे में 18 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि पायलट गंभीर रूप से घायल है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। विमान हादसों की बात करें तो पिछले 54 वर्षों में 11788 विमान क्रैश हो चुके हैं, जिनमें 85 हजार से अधिक लोगों की जान गई है।
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दुनिया का सबसे बड़ा विमान हादसा

दुनिया के सबसे बड़े विमान हादसे की बात करें तो यह 27 मार्च 1977 को लॉस रोडियोस एयरपोर्ट पर हुआ था। इस हादसे में पैन एयर और केएलएम एयरलाइंस के दो विमानों की टक्कर हो गई थी। इस दुर्घटना में कुल 583 यात्रियों और क्रू मेंबर्स की मौत हुई थी। केएलएम के 234 यात्री और 14 क्रू मेंबर्स की जान गई थी, जबकि पाम पैन के 335 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी।
टोक्यो के पास दूसरा सबसे बड़ा हादसा: 1985
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा विमान हादसा 12 अगस्त 1985 को टोक्यो के करीब 100 किमी दूर हुआ था। जापान एयरलाइंस की फ्लाइट 123 ने टोक्यो से ओसाका के लिए उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के करीब 32 मिनट बाद विमान ताकामागहारा पर्वत से टकरा गया था। इस हादसे में 520 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें 509 यात्री और 15 क्रू मेंबर्स शामिल थे।
दिल्ली के चरखी दादरी में तीसरा सबसे बड़ा हादसा: 1996

दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमान हादसा 12 नवंबर 1996 को दिल्ली के चरखी दादरी में हुआ था। इस हादसे में कजाकिस्तान एयरलाइंस की फ्लाइट 1907 और सऊदी एयरलाइंस की फ्लाइट 763 आपस में टकरा गई थीं। इस दुर्घटना में 349 लोगों की मौत हुई थी। यह हादसा हवा में होने वाले सबसे खतरनाक विमान हादसों में से एक है, जिसमें सभी यात्रियों की जान चली गई थी।
तुर्की एयरलाइंस का चौथा सबसे बड़ा हादसा: 1974
दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विमान हादसा तुर्की एयरलाइंस की फ्लाइट 981 से जुड़ा है। 3 मार्च 1974 को ओरली एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही विमान का कार्गो गेट टूट गया, जिसके कारण एक बड़ा विस्फोट हुआ और विमान पेरिस के उत्तर-पूर्व स्थित जंगल में क्रैश हो गया। इस हादसे में सभी 346 यात्रियों की मौत हो गई थी।
जयपुर एयरपोर्ट का हादसा

काठमांडू एयरपोर्ट पर हुए हादसे जैसा ही दृश्य जयपुर एयरपोर्ट पर भी देखने को मिला। वहां एक एयरक्राफ्ट में भीषण आग लगी हुई थी और उसमें 78 यात्री फंसे हुए थे। हालांकि, तेजी से की गई कार्रवाई के चलते सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
विमान हादसों से बचाव के उपाय
विमान हादसों की भयावहता को देखते हुए, विमानन कंपनियों और सरकारों को मिलकर निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:
- सुरक्षा मानकों की समीक्षा और सुधार: विमान संचालन के सभी पहलुओं पर नियमित समीक्षा और सुरक्षा मानकों में सुधार करना जरूरी है।
- पायलट और क्रू का प्रशिक्षण: पायलट और क्रू मेंबर्स को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए नियमित प्रशिक्षण देना चाहिए।
- तकनीकी जांच: विमान की तकनीकी जांच नियमित रूप से की जानी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की तकनीकी खराबी को पहले से ही ठीक किया जा सके।
- यात्रियों की सुरक्षा के लिए जागरूकता कार्यक्रम: यात्रियों को भी आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक करना जरूरी है।
विमान हादसों के इतिहास को देखते हुए यह स्पष्ट है कि सुरक्षा उपायों में सुधार की जरूरत है। सरकार और विमानन कंपनियों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इन उपायों के माध्यम से ही हम भविष्य में होने वाले हादसों को रोक सकते हैं और लोगों की जान बचा सकते हैं।
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