K. Natwar Singh Dies: आज सिर्फ कांग्रेस ही नहीं अपितु पूरे राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गयी है। पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह का (Natwar Singh) शनिवार यानी 10 अगस्त की रात गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके परिवार ने बताया कि खराब स्वास्थ्य के कारण पिछले हफ्ते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार यानी 11 अगस्त को दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। के. नटवर सिंह के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर उनके चाहने वाले और समर्थक भावुक पोस्ट कर रहे हैं और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। कई प्रमुख राजनेताओं ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और इसे एक भारी और अपूरणीय क्षति बताया।
विदेश मंत्री के रूप में उनका योगदान
के. नटवर सिंह ने साल 2004-05 में UPA-I सरकार में विदेश मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं। पाकिस्तान में राजदूत के रूप में काम करने वाले नटवर सिंह 1966 से 1971 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यालय से भी जुड़े हुए थे। उन्होंने अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र में भी भारत के राजदूत का कार्यभार संभाला था। के. नटवर सिंह का निधन भारतीय राजनीति और राजनयिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
के. नटवर सिंह का जीवन परिचय
कुंवर नटवर सिंह का जन्म 16 मई 1931 को राजस्थान के भरतपुर जिले में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा राजस्थान, दिल्ली और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में हुई। भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने के बाद उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उनकी प्रतिष्ठा एक कुशल और समर्पित राजनयिक के रूप में थी। के. नटवर सिंह ने राजनीति में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और बाद में विदेश मंत्री बने। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया और देश की विदेश नीति को मजबूत किया।
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पीएम मोदी ने जताया दुःख
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने भी कुंवर नटवर सिंह के निधन पर दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं श्री नटवर सिंह जी के निधन से दु:खी हूं. उन्होंने कूटनीति और विदेश नीति की दुनिया में समृद्ध योगदान दिया। वह अपनी बुद्धि के साथ-साथ विपुल लेखन के लिए भी जाने जाते थे। दु:ख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. ॐ शांति। “
उनकी विद्वत्ता, समर्पण और सेवा को हमेशा याद किया जाएगा। उनके योगदान को आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के रूप में देखा जाना चाहिए। यह समय उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना व्यक्त करने का है, और हमें उनके द्वारा किए गए कार्यों को सम्मानपूर्वक याद रखना चाहिए।
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