Jammu and Kashmir Elections 2024: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस (Congress) ने मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. सोमवार शाम को इस गठबंधन का औपचारिक ऐलान किया गया, जिसमें दोनों पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बनी है. इस समझौते के तहत, फारूख अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) की नेशनल कॉन्फ्रेंस 51 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस 32 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. इसके अलावा, सीपीआई (एम) और पैंथर्स पार्टी को भी एक-एक सीट दी गई है.
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फारूख अब्दुल्ला और केसी वेणुगोपाल के बयान
बताते चले कि गठबंधन की घोषणा करते हुए, फारूख अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने बताया कि कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे पर बातचीत पूरी हो गई है. उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में 90 सीटों में से, एनसी 51 सीटों पर और कांग्रेस 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके साथ ही, 5 सीटें फ्रेंडली फाइट के लिए छोड़ी गई हैं. एक सीट सीपीआई (एम) और एक पैंथर्स पार्टी के लिए रखी गई है. हमारा गठबंधन INDIA ब्लॉक के तहत भारत को विभाजित करने वाली ताकतों के खिलाफ लड़ने के उद्देश्य से बनाया गया है.”
वहीं, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, “हमारे INDIA ब्लॉक का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को बचाना है. इसलिए, एनसी और कांग्रेस ने मिलकर जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक दोस्ताना सरकार बनाने का संकल्प लिया है. हम एक साथ लड़ेंगे, जीतेंगे, और जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाएंगे.”
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10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव
दरअसल, यह गठबंधन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद, जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित क्षेत्र बना दिया गया था. अब, पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं. ये चुनाव तीन चरणों में संपन्न होंगे. राज्य की 90 विधानसभा सीटों के लिए 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदाता अपने मत का इस्तेमाल करेंगे. चुनाव के परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
चुनावी माहौल और गठबंधन की रणनीति
जम्मू-कश्मीर में इस बार का चुनाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पहला चुनाव है जब राज्य को केंद्र शासित क्षेत्र के रूप में चुना जाएगा. नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) और कांग्रेस का यह गठबंधन राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे दोनों दलों की ताकतों का मेल होगा. गठबंधन की रणनीति के अनुसार, सीपीआई (एम) और पैंथर्स पार्टी को भी शामिल किया गया है, ताकि राज्य में एक मजबूत और व्यापक गठबंधन बनाया जा सके.
इस गठबंधन के जरिए, एनसी और कांग्रेस ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वे जम्मू-कश्मीर में विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ मिलकर लड़ने के लिए तैयार है. दोनों दलों का मानना है कि यह गठबंधन राज्य में स्थिरता और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा. इस रणनीति से जहां एक ओर बीजेपी और अन्य विरोधी दलों को कड़ी चुनौती मिलेगी, वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के लोगों को एक स्थिर और सक्षम सरकार मिलने की उम्मीद है.
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चुनाव की तैयारी और आगे की राह
चुनावी माहौल को देखते हुए, एनसी (National Conference) और कांग्रेस दोनों दलों ने अपने-अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी तैयारी में जुटने का निर्देश दिया है.गठबंधन की घोषणा के बाद, दोनों पार्टियों के नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे आगामी चुनाव में मिलकर काम करेंगे और एक सशक्त सरकार बनाने का प्रयास करेंगे. जम्मू-कश्मीर के इस चुनाव में गठबंधन की सफलता और उसके प्रभाव को देखना महत्वपूर्ण होगा. चुनाव परिणाम 4 अक्टूबर को सामने आएंगे, जिसके बाद ही स्पष्ट होगा कि यह गठबंधन राज्य में कितनी प्रभावी और सफल साबित होती है.
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