Jagjit Singh Death Anniversary: बॉलीवुड में बहुत से सिंगर और सितारे आए जिनकी आवाज की दुनिया आज भी दिवानी हैं। जिनमें से मशहूर गजल और गीतकार जगजीत सिंह भी हैं। आज भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं, पर आज भी उनकी आवाज लोगों के दिल पर राज करती हैं। उनकी कोमल और मखमली आवाज की पूरी दुनिया दिवानी थी। गजल सम्राटक कहे जाने वाले जगजीत सिंह की आज पुण्यतिथि है। इनकी मृत्यु आज के दिन 10 अक्टूबर 2011 को हुई थी।
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संगीत से लगाव
मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 में राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में हुआ था। उनका संगीत में बचपन से ही बहुत लगाव था। साथ ही उन्होंने संगीत की शिक्षा उस्ताद जमाल ख़ान और पंडित छगनलाल शर्मा से प्राप्त की थी। बता दें जगजीत सिंह के पिता अमर सिंह एक सरकारी कर्मचारी थे। उनकी स्तनातक की डिग्री जालंधर के डीएवी कॉलेज में हुई थी। बाद में उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से किया।
संघर्ष भरा जीवन
जगजीत सिंह को गाने के प्रति बचपन से ही बहुत लगाव था। साथ ही वह संगीत में करियर बनाने के लिए 1965 में मुंबई चले गए थे। लेकिन जगजीत सिंह के पास न रहने का जगह था ना ही खाने की व्यवस्था थी। दरसल जगजीत सिंह ने अपने जीवन में बहुत सर्धष किए थे। वहीं अपना करियर बनाने के लिए जब जगजीत सिंह मुंबई गए थे, तब ना उनके पास रहने के लिए जगह था और ना ही खाने के लिए पैसे थे।
लेकिन अपना करियर बनाने के लिए जगजीत सिंह शादीयों और पार्टियों में गाना गाया करते थे। ऐसा नहीं था की जगजीत जी पहले से ही अच्छा गाते थे। एक बार जगजीत सिंह अपना किस्सा बताते हुए बताया कि शुरुवाती जीवन मेरे लिए बहुत ही कठिन था, जब मैं पहली बार स्टेज शो पर गाना गया तो लोग मेरा मजाक उड़ा रहे थे। लेकिन मैं इन सभी को अपना प्रेरणा स्त्रोत बनाकर एक मुकाम हासिल कर लिया।
1994 में मिली पहचान
चलिए आपको बताते हैं जगजीत सिंह के करियर के बारे में । उन्होंने शुरुआत 1994 के दौरान फिल्म ‘अविष्कार’ के गाने ‘बाबुल मोरा नैहर’ से की। उनकी पहली एलबम ‘द अनफॉरगेटेबल्स’ साल 1976 के दौरान आई थी, जो बेहद हिट रही। जब वह फिल्मों के लिए गजल गाने लगे तो हर किसी की पहली पसंद बन गए। वहीं, 1970 और 1980 के दशक में उन्होंने पत्नी चित्रा सिंह के साथ एक से एक बेहतरीन गजलें गाईं और देश-विदेश में अपनी आवाज का जादू बिखेर दिया।
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2011 में कहा अलविदा
जब जगजीत सिंह 1990 में अपने करियर के पीक पर थे। तब उनकी जिंदगी में सबसे दर्दनाक मोड़ आया। जिसमें जगजीत सिंह अपने 18 वर्ष के बेटे को कार हादसे में खो बैठे थे। साथ ही उनकी घर्मपत्नी चित्रा सिंह नें अपने सिंगिग के करियर को बीच में ही छोड़ दीया। जिसके बाद जंगजीत सिंह को संगीत के दुनिया में लौटने में काफी समय लगा। वहीं जब वह संगीत के करियर में वापस आए तो उनके गाने में उनके बेटे को खोने का दर्द साफ झलक रहा था। 10 अक्टूबर 2011 के दिन संगीत की दुनिया का यह सितारा इस दुनिया को अलविदा कह गया।