Mpox Virus New Variant : कोविड के बाद अब Mpox का कहर दुनिया पर मंडरा रहा है। मंकीपॉक्स का सबसे ज्यादा प्रभाव अफ्रीकी देशों में देखने को मिल रहा है।Mpox, जिसे मंकी पॉक्स वायरस के कारण होने वाली बीमारी भी कहते हैं, अब कोविड के बाद दुनिया के लिए एक नई चुनौती बनकर उभरी है। इस बीमारी के कारण लोगों को रैश, दाने, बुखार और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
अब तक, इस बीमारी के कारण दुनियाभर में 500 से अधिक मौतें हो चुकी हैं, जिससे इसके फैलने का डर और बढ़ गया है।Mpox की स्थिति कोविड के बाद एक नई वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती पेश कर रही है। इसके फैलने को रोकने और इसके प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग, सरकारें और चिकित्सा विशेषज्ञ सक्रिय रूप से प्रयासरत हैं। सुरक्षित रहने के लिए अपनी जागरूकता और सतर्कता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
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सुरक्षा उपाय और निगरानी
- कई देशों ने बाहर से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी है ताकि बीमारी के फैलाव को रोका जा सके।
- अस्पतालों में Mpox के लिए विशेष बेड तैयार किए गए हैं, ताकि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके और बीमारी की प्रभावी निगरानी की जा सके।
- सरकारें और स्वास्थ्य संगठन इस बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लगातार निगरानी रख रहे हैं और उपायों को लागू कर रहे हैं।
- आम लोगों को भी अपनी सुरक्षा के लिए सावधान रहने और किसी भी संदिग्ध लक्षण के मामले में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जा रही है।
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मंकीपॉक्स(Mpox Virus New Variant) कहां फैला है?
- बुरुंडी
- कैमरून
- मध्य अफ्रीकी गणराज्य
- कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य
- घाना
- आइवरी कोस्ट
- केन्या
- लाइबेरिया
- मोजाम्बिक
- नाइजीरिया
- पाकिस्तान
- फिलीपींस
- कांगो गणराज्य
- रवांडा
- दक्षिण अफ्रीका
- स्वीडन
- थाईलैंड और युगांडा में कुल 18 मामले रिपोर्ट किए गए हैं।
गंभीर लक्षण आ रहे हैं सामने
Clade 1b वेरिएंट पिछले वेरिएंट Clade 2 की तुलना में काफी स्ट्रॉग है। इसके कारण (Mpox Virus New Variant)के लक्षण (Monkeypox Virus Symptoms) काफी गंभीर हैं। इस इन्फेक्शन के कारण बुखार, रैश और निमोनिया जैसी श्वांस प्रणाली से जुड़ी परेशानियां लोगों में नजर आ रही हैं।
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मृत्यु दर ज्यादा
इस नए स्ट्रेन के कारण मौत के मामले भी ज्यादा सामने आ रहे हैं, क्योंकि ये रेस्पिरेटरी सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा रहा है और इससे रिकवर करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे दावे सामने आ रहे हैं कि इस वायरस की मृत्यु दर 10 प्रतिशत है।