Saudi Arabia Executes Over 100 Foreigners: सऊदी अरब में 2024 के पहले नौ महीनों में 100 से अधिक विदेशियों को फांसी की सजा दी गई है। यह आंकड़ा पिछले तीन सालों की तुलना में तीन गुना ज्यादा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस साल सऊदी अरब में मौत की सजा का अनुपात में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। यह भी पहली बार है जब एक साल में इतने अधिक विदेशी नागरिकों को फांसी दी गई है। सजा पाने वाले देशों में पाकिस्तान, यमन, सीरिया, नाइजीरिया, मिस्र, जॉर्डन और इथियोपिया के नागरिक शामिल हैं।
सऊदी अरब में फांसी की सजा का बढ़ता आंकड़ा
सऊदी अरब में 2024 के दौरान 100 से अधिक विदेशी नागरिकों को फांसी दी गई, जिनमें से अधिकांश को अपराधों में लिप्त होने के कारण मृत्युदंड मिला है। इन मामलों में कई देशों के नागरिक शामिल हैं, जिनमें पाकिस्तान, यमन, सीरिया, नाइजीरिया, मिस्र, जॉर्डन और इथियोपिया जैसे देशों के लोग शामिल हैं। यह संख्या पिछले कुछ वर्षों में दी गई फांसी की सजा से कहीं अधिक है, क्योंकि 2022 और 2023 में कुल 34 विदेशी नागरिकों को फांसी दी गई थी।
एक समाचार एजेंसी के अनुसार, यह आंकड़ा इस बात को साबित करता है कि सऊदी अरब में फांसी की सजा की संख्या पिछले सालों की तुलना में बहुत बढ़ गई है। इस साल की शुरुआत में ही सऊदी अरब ने 100वीं फांसी की सजा दी, और अब यह आंकड़ा 101 तक पहुंच चुका है। इस सजा का प्रमुख कारण ड्रग्स की तस्करी और अन्य गंभीर अपराध बताए जा रहे हैं।
किस अपराध के लिए दी गई सजा?
सऊदी अरब में फांसी की सजा पाने वाले अधिकांश लोग ड्रग्स की तस्करी में लिप्त पाए गए हैं। हाल ही में एक यमनी नागरिक को ड्रग्स की तस्करी के आरोप में दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र नजरान में फांसी दी गई। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि सऊदी अरब में मौत की सजा का मुख्य कारण नशीले पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद से जुड़े अपराध हैं। इसके अलावा हत्या, मानव तस्करी और अन्य संगीन अपराध भी मौत की सजा के मुख्य कारण रहे हैं।
भारतीय नागरिकों को भी मिली मौत की सजा
सऊदी अरब में भारतीय नागरिकों को भी सजा-ए-मौत मिल चुकी है। हालांकि, भारतीय नागरिकों की संख्या अन्य देशों के मुकाबले कम रही है, लेकिन यह चिंता का विषय है कि सऊदी अरब के न्यायिक व्यवस्था में भारतीय नागरिकों को भी सजा दी जा रही है। मानवाधिकार संगठन इस पर लगातार सवाल उठा रहे हैं और सऊदी अरब से सजा में नरमी की अपील कर रहे हैं।
तीसरे नंबर पर सऊदी अरब
सऊदी अरब, चीन और ईरान के बाद दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां पर फांसी की सजा सबसे अधिक दी जाती है। हालांकि, मानवाधिकार संगठन इस बात पर जोर देते हैं कि इन देशों की न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी होती है, और फांसी की सजा का मामला अक्सर बहुत ही संक्षिप्त समय में तय कर लिया जाता है। इस प्रकार, सऊदी अरब का यह कदम दुनिया भर में विवाद का विषय बना हुआ है।