Prime Chaupal: प्राइम टीवी की टीम लगातार गांवों का दौरा कर रही है ताकि वहां की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया जा सके। हाल ही में, हमारी टीम गोसाईगंज विकासखंड के निजामपुर गांव पहुंची, जहां हमें ग्रामीणों की समस्याओं का सामना करना पड़ा। जैसे-जैसे हमारी टीम की नजर पड़ी, वहां के हालात वाकई चौंकाने वाले थे। सफाई की स्थिति, सरकारी योजनाओं का अभाव, और अधिकारियों की लापरवाही ने गांव के विकास की रफ्तार को धीमा कर दिया है।
विकास के संकेत, लेकिन समस्याएं भी हावी

बताते चले कि, निजामपुर गांव में प्रवेश करते ही यह महसूस हुआ कि यहां पर कुछ विकास कार्यों का अच्छा काम हुआ है। ग्रामीणों के लिए सुमदायिक शेड की व्यवस्था, बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए बेहतर तकनीकी का इस्तेमाल, शिक्षा के क्षेत्र में उत्तम पेय व्यवस्था, और सड़कों पर लगी सोलर लाइटों से यह प्रतीत हुआ कि गांव में विकास की दिशा सही है। यह सभी सुविधाएं ग्रामीणों के लिए लाभकारी साबित हो सकती थीं। लेकिन समस्या तब सामने आई, जब हमारी नजर नालियों में पड़ी, जो कूड़े से पटी हुई थीं। ग्रामीणों का कहना था कि सफाई कर्मी हफ्तों तक गांव में नहीं आते हैं, जिससे कूड़े की समस्या बढ़ गई है।
ग्राम सचिवालय और अधिकारियों की लापरवाही

ग्राम सचिवालय की दीवारों पर अधिकारियों के नाम साफ-साफ लिखे हुए थे, लेकिन मौके पर कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था। यह देखकर ऐसा प्रतीत हुआ कि जब सरकारी वेतन घर बैठे मिलता है, तो कोई क्यों कार्यालय जाने की मेहनत करेगा। सरकार की योजनाओं को लागू करने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों पर है, वे अपनी जिम्मेदारी को नकारते हुए, सरकारी योजनाओं को सिरे से नजरअंदाज कर रहे हैं। यही कारण है कि गांव के लोग सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
ग्रामीणों की शिकायतें

गांव वालों से जब हमारी टीम ने बात की, तो अधिकांश का कहना था कि उन्हें किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। हालांकि, कुछ ग्रामीण प्रधान के कामों से संतुष्ट नजर आए। यह स्थिति गांव के विकास में बुरी तरह से रुकावट डाल रही है। अधिकारियों की लापरवाही और जिम्मेदारी से बचने की प्रवृत्ति गांवों के उत्थान के रास्ते में बड़ी रुकावट बन चुकी है। जबकि सरकार गांवों के विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, वहीं उन योजनाओं को सही तरीके से लागू करने वाले लोग अपनी जिम्मेदारी को नजरअंदाज कर रहे हैं।
उम्मीदों के बावजूद निराशा
सरकार ने गांवों को सुविधाएं देने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन गांवों में उन योजनाओं का धरातल पर लागू होना एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। निजापुर गांव में कुछ योजनाओं का लाभ जरूर ग्रामीणों तक पहुंचा है, लेकिन जिस गांव की तलाश में हम निकले थे, वह हमें नहीं मिला। इस गांव में भी कई समस्याएं सामने आईं, जिससे हमारी टीम को निराश होकर बाहर निकलना पड़ा।
इस रिपोर्ट से साफ है कि गांवों के विकास के लिए सरकार के प्रयासों के बावजूद, जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और कार्यों में ढिलाई, विकास की गति को धीमा कर रही है। गांवों की वास्तविक स्थिति तभी सुधरेगी जब सरकारी योजनाएं सही तरीके से लागू हों और अधिकारियों की जिम्मेदारी को गंभीरता से लिया जाए।
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