Mohammed Shami News: भारत के अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने चोट के कारण क्रिकेट से दूर रहने के कठिन दौर को पीछे छोड़ते हुए कहा कि बारीकियों पर काम करने और अपने कौशल के प्रति वफादार रहने से उन्हें आईसीसी टूर्नामेंटों में सफलता मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका मुख्य फोकस किफायती गेंदबाजी पर नहीं बल्कि विकेट लेने पर रहता है। शमी ने 2017 चैंपियंस ट्रॉफी में बांग्लादेश के खिलाफ पहले मैच में पांच विकेट लेकर भारत की छह विकेट से जीत में अहम भूमिका निभाई थी। इस मैच में पांच विकेट लेने के बाद शमी वनडे क्रिकेट में 200 विकेट तक पहुंचने वाले दूसरे सबसे तेज भारतीय गेंदबाज बन गए थे।
शमी ने चोट के बाद वापसी पर कहा….

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान शमी ने कहा, “ICC टूर्नामेंटों में अगर मेरी गेंदों पर रन भी बनते हैं तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन मेरा लक्ष्य विकेट लेना है क्योंकि वही टीम के लिए फायदेमंद होता है।” 2023 के वनडे विश्व कप के दौरान शमी को टखने में चोट लगी थी, जिसके कारण वह 14 महीने तक क्रिकेट से दूर रहे। इस कठिन दौर के बाद उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवरों की श्रृंखला के जरिए क्रिकेट में वापसी की। अब जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में शमी भारत की गेंदबाजी आक्रमण की कमान संभाल रहे हैं।
शमी ने वापसी पर किया आत्मविश्वास का जिक्र

इसी कड़ी में आगे शमी ने कहा, “मैं हमेशा अपने फन को निखारने की कोशिश करता हूं और अपने कौशल के प्रति पूरी वफादारी से काम करता हूं। आप अपने लक्ष्य को पाने के लिए कितने भूखे हैं और अपने कौशल को कैसे बेहतर बना सकते हैं, यह महत्वपूर्ण होता है।” उन्होंने यह भी बताया कि वह हमेशा बारीकियों पर काम करते रहे हैं, जिससे उन्हें क्रिकेट में मदद मिली। शमी ने कहा, “गेंदबाजी करते समय लय सही होनी चाहिए। जब गेंदबाजी कर रहा हूं, तो मुझे असहज नहीं होना चाहिए। मैं हमेशा इन चीजों पर ध्यान देता हूं और वर्तमान पर फोकस करता हूं।”
शमी ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में बुमराह की कमी महसूस की
शमी ने कहा कि वह बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारत को हारते हुए देख बहुत दुखी हुए थे, खासकर जब जसप्रीत बुमराह ने अकेले दम पर गेंदबाजी की जिम्मेदारी संभाली थी। शमी ने कहा, “यह काफी कठिन था। जब आप टीम को इस तरह से हारते हुए देखते हैं या कोई करीबी मुकाबला होता है, तो आप अपने साथ गेंदबाजी करने वाले को और अपनी टीम को याद करते हैं। मुझे ऐसा लगता था कि काश मैं वहां होता, मैं कुछ योगदान दे पाता।”
चोट के बाद घरेलू क्रिकेट ने शमी को वापस आत्मविश्वास दिया

शमी ने यह भी बताया कि चोट के बाद उनका आत्मविश्वास टूट चुका था और उन्हें लगा कि शायद अब वह क्रिकेट नहीं खेल सकेंगे। लेकिन उन्होंने बताया कि घरेलू क्रिकेट में वापसी से उन्हें अपनी लय और आत्मविश्वास फिर से प्राप्त हुआ। शमी ने कहा, “घरेलू मैचों से मेरी लय और आत्मविश्वास वापस लौट आया। पिछले 14 महीने के बाद बदलाव महसूस किया और अब मैं मानसिक रूप से काफी मजबूत हूं।”
पाकिस्तान के खिलाफ मैच को लेकर शमी ने कहा कि “मुझे किसी खास मुकाबले के बारे में ज्यादा नहीं सोचना है, आईसीसी टूर्नामेंट या अंतरराष्ट्रीय मैचों के बारे में भी नहीं, क्योंकि जीतने के लिए उसी मानसिकता से खेलना चाहिए जिससे पहले मिली है।”मोहम्मद शमी ने अपनी क्रिकेट यात्रा में चोट और कठिन दौर को पार करते हुए एक मजबूत वापसी की है। उनका ध्यान हमेशा टीम के लिए विकेट लेने और अपनी गेंदबाजी में निरंतरता बनाए रखने पर रहता है।
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