Kedarnath Dham:केदारनाथ धाम में गैर-हिंदू धर्मावलंबियों के प्रवेश पर रोक लगाने की चर्चा तेज हो गई है। बीजेपी (BJP) विधायक आशा नौटियाल ने इस मुद्दे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि कुछ गैर-हिंदू तत्व धार्मिक स्थल केदारनाथ की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
आशा नौटियाल के मुताबिक, इन तत्वों ने मांस, मछली और शराब जैसी चीजें केदारनाथ में लाकर धार्मिक स्थल की गरिमा को प्रभावित किया है। उनका आरोप है कि यह सब केदारनाथ की पवित्रता और धार्मिक मान्यता को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।

आशा नौटियाल ने कहा…
हाल ही में उत्तराखंड के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने अधिकारियों और स्थानीय लोगों के साथ बैठक की थी। बैठक के दौरान यह सुझाव सामने आया कि कुछ गैर-हिंदू तत्व धार्मिक स्थल की धार्मिक पहचान को बदनाम कर रहे हैं और इसके लिए वे मांस-मछली, शराब जैसे पदार्थों का सेवन करने का काम कर रहे हैं। इसके बाद अधिकारियों से कहा गया है कि इन तत्वों की पहचान करके उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई जाए।
पवित्र स्थल पर कतई बर्दाश्त नहीं
आशा नौटियाल ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि केदारनाथ के पवित्र स्थल में इस तरह की गतिविधियां कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ और अन्य धार्मिक स्थल हिंदू धर्म के केंद्र हैं और इनकी पवित्रता को बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। ऐसे में गैर-हिंदू तत्वों को इन धार्मिक स्थलों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जो इन स्थलों की पवित्रता को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
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केदारनाथ धाम के लिए नया विवाद
यह फैसला आने वाले समय में केदारनाथ धाम के लिए एक नया विवाद भी खड़ा कर सकता है, क्योंकि यह विषय धार्मिक सहिष्णुता और साम्प्रदायिक सद्भावना से जुड़ा हुआ है। वहीं, बीजेपी विधायक आशा नौटियाल के आरोपों ने इस मामले को और भी तूल दे दिया है।
राजनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से यह मामला प्रदेश की सरकार और स्थानीय अधिकारियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।इसके अलावा, इस प्रस्ताव का असर केदारनाथ के पर्यटन पर भी पड़ सकता है। अगर गैर-हिंदू धर्मावलंबियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है तो यह केदारनाथ में आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी ला सकता है, और इससे धार्मिक स्थल की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा।