Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, देश में सियासी माहौल भी गर्माता जा रहा है. यूपी की राजनीति दिन प्रतिदिन दिलचस्प मोड लेती हुई दिखाई दे रही है. यूपी की वीआईपी लोकसभा सीट अमेठी और रायबरेली कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशी नहीं उतारा है. इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि अगर पार्टी चाहे तो वह अमेठी से चुनाव लड़ सकते हैं.
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नेताओं पर भड़के रॉबर्ट वाड्रा

देश में इस समय राजनीतिक माहौल बहुत ही गरमाया हुआ है. सभी प्रमुख दलों के स्टार प्रचारकों का धुआंधार चुनाव प्रचार जारी है. आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। एक-दूसरे के दलों के प्रमुख नेताओं को अपने में शामिल करने की होड़ मची हुई है. दावे और वादे किए जा रहे हैं. बता दें, लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ छोड़ने पर गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि ऐसे नेता पावर और पद के पीछे भाग रहे हैं. उन्होंने इस बार पार्टी के लोकसभा चुनाव में अच्छी लड़ाई लड़ने का भरोसा जताया है.
नेताओं के पार्टी छोड़ने पर कसा तंज

एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, ये कहना सही नहीं है कि कांग्रेस पर भरोसा नहीं है. मैं उन लोगों से मिला हूं, जिनके पास अनुभव है. अभी ऐसे सीनियर नेताओं को लगता है कि उन्हें पावर या टिकट या सीट की जरूरत है, लेकिन वे इसके लिए कोशिश नहीं करते हैं. इसके लिए प्रयास की जरूरत है. यदि आपको लगता है कि आपकी पहचान मंत्री होने पर आधारित है और यदि ऐसा नहीं है तो उन्हें परेशान नहीं होना चाहिए. अगर उन्हें टिकट नहीं मिलता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि अगर कोई दूसरी पार्टी ऑफर करती है तो वो साथ छोड़कर चले जाएं.
नेताओं के दल-बदल के सिलसिले पर क्या बोले वाड्रा ?
इसी कड़ी में वाड्रा ने आगे कहा, एक विरासत है, कांग्रेस ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, उनके लिए, उनके परिवार के लिए बहुत कुछ किया है. जब वे पीढ़ियों से कांग्रेस के साथ हैं तो उन्हें थोड़ा धैर्य रखना चाहिए, भले ही उन्हें कठिनाई महसूस हो या सत्ता में वापस आने में लंबा समय लगे. सत्ता ही सब कुछ नहीं है. हम उनसे नाराज नहीं होते, हम उन्हें अच्छे भविष्य के लिए विदा करते हैं. लेकिन लोग देखेंगे और महसूस करेंगे कि उनके लिए किसी पार्टी विशेष की विचारधारा मायने नहीं रखती, बल्कि जहां सत्ता या पद मिलता है, वहां चले जाते हैं. उनके लिए सिर्फ पद मायने रखता है.
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कई नेताओं ने कांग्रेस का साथ क्यों छोड़ा ?

बताते चले कि जब वाड्रा से पूछा गया कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर विजेंदर सिंह, रवनीत सिंह बिट्टू और गौरव वल्लभ जैसे बड़े नेताओं ने कांग्रेस का साथ क्यों छोड़ दिया,तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ नेता चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़ देते हैं. वाड्रा ने कहा, वे यह नहीं सोचते कि कांग्रेस ने उनके लिए क्या किया है.
उन्हें लगता है कि पद और पहचान होनी चाहिए इसलिए जब उन्हें टिकट नहीं मिलता या कोई अन्य पार्टी ऑफर देती है तो वे चले जाते हैं. हम वर्षों से ऐसे नेताओं के आने और जाने के साक्षी रहे हैं. जब समय बदलेगा तो आप देखेंगे कि बहुत से लोग वापस लौट आएंगे. लेकिन कांग्रेस पार्टी, इंडिया ब्लॉक और गांधी परिवार अपनी आवाज उठाते रहेंगे, लोगों के लिए लड़ेंगे… मुझे विश्वास है कि हम एक अच्छी लड़ाई लड़ने में सक्षम होंगे. हम लोगों के लिए कड़ी मेहनत करेंगे और जो लोग बदलाव चाहते हैं वे हमारा समर्थन करेंगे. हम महिला सुरक्षा, बेरोजगारी और विकास पर बात करेंगे.
आगामी चुनाव लड़ने की जाहिर की इच्छा
इन सब के बीच रॉबर्ट वाड्रा ने लोकसभा चुनाव लड़ने की भी इच्छा जाहिर की. उन्होंने कहा, मैं अन्य राजनीतिक दलों के सांसदों से भी मिलता हूं और वो अपनी पार्टियों में शामिल होने की पेशकश करते हैं. यह भी आश्वासन देते हैं कि वे चुनाव में मेरी जीत सुनिश्चित करवाएंगे. वाड्रा ने यह भी कहा कि अगर वो खुद संसद सदस्य बनने के बारे में सोचते हैं तो अमेठी के लोग उनसे उम्मीद करते हैं कि वे उनकी सीट का प्रतिनिधित्व करें.
सपा ने दी अपनी प्रतिक्रिया

रॉबर्ट के बयान पर समाजवादी पार्टी ने प्रतिक्रिया दी है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि ‘इंडिया ब्लॉक में, अमेठी, रायबरेली सीटें कांग्रेस को दी गई हैं और उम्मीदवारों का फसला करना उस पार्टी का काम है. समाजवादी पार्टी चाहती है कि एक मजबूत उम्मीदवार मैदान में उतारा जाए, अगर गांधी परिवार से कोई चुनाव लड़ता है तो अच्छा होगा. अगर रॉबर्ट वाड्रा चुनाव लड़ना चाहते हैं तो यह कांग्रेस को तय करना है, समाजवादी पार्टी को कुछ नहीं कहना है.’
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