Atiq Ahmed Poster:प्रयागराज के महाकुंभ में एक विवादित पोस्टर चर्चा का केंद्र बन गया है। इस पोस्टर में माफिया अतीक अहमद और उसके हत्यारोपियों को लेकर आपत्तिजनक संदेश लिखा गया है, जो अब पुलिस जांच का विषय बन गया है। पोस्टर में अतीक अहमद के आतंक को खत्म करने की बात की गई है, साथ ही उसके हत्यारोपियों को ‘देवदूत’ बताया गया है। यह पोस्टर महाकुंभ मेले के झूंसी कोतवाली क्षेत्र में लगाए गए थे, और इन पोस्टरों में अतीक और उसके भाई अशरफ के हत्यारोपियों की तस्वीरें दिखाई गई हैं।
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पोस्टर में क्या लिखा था?
पोस्टर में लिखा था, “अतीक का आतंक मुक्त प्रथम प्रयागराज महाकुंभ”, साथ ही “महाकुंभ में आप सभी का हार्दिक स्वागत है” जैसे शब्द भी थे। इस पोस्टर पर अतीक अहमद की दो बड़ी तस्वीरें लगी थीं, जिन पर क्रॉस का निशान बना हुआ था, जो उसे नकारात्मक रूप में दर्शाता था। राष्ट्रीय हिंदू दल संगठन की ओर से यह पोस्टर लगाया गया था, जिसमें अतीक अहमद के हत्यारोपियों की तस्वीरें भी लगी थीं। इन हत्यारोपियों को पोस्टर में देवदूत के रूप में पेश किया गया, जिनमें लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य, और सनी सिंह के नाम शामिल थे।

सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें जारी की गईं, उनमें राष्ट्रीय हिंदू दल संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कुछ साधु संत भी नजर आ रहे थे, जो इस पोस्टर के साथ खड़े थे।
पोस्टर हटाने का आदेश
जैसे ही यह पोस्टर महाकुंभ मेले में चर्चाओं का विषय बना, प्रयागराज पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। एसएसपी महाकुंभ राजेश द्विवेदी के निर्देश पर इस पोस्टर को तुरंत हटा दिया गया। इसके अलावा, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने इस पोस्टर को लेकर जांच शुरू कर दी है, ताकि यह पता चल सके कि इस पोस्टर के पीछे कौन लोग जिम्मेदार हैं और इसे क्यों लगाया गया।
अतीक अहमद: एक कुख्यात माफिया और नेता

अतीक अहमद का नाम उत्तर प्रदेश के सबसे कुख्यात माफियाओं में लिया जाता है। वह समाजवादी पार्टी से सांसद और उत्तर प्रदेश विधानसभा का सदस्य भी रह चुका था। अतीक अहमद पर कई गंभीर आपराधिक आरोप थे, जिनमें हत्या, जबरन वसूली और अन्य अपराध शामिल थे।15 अप्रैल 2023 को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पुलिस हिरासत में ले जाते वक्त तीन युवकों ने अस्पताल के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी। इस हत्या ने न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश की राजनीति में हलचल मचा दी। अतीक अहमद की हत्या के बाद यूपी सरकार पर भी सवाल उठे और इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई थी।
समाज में गहरी छाप और राजनीतिक प्रभाव

अतीक अहमद की हत्या ने समाज में गहरी छाप छोड़ी थी, और इसके बाद से ही उसके समर्थकों और विरोधियों के बीच बहस तेज हो गई थी। महाकुंभ में इस तरह के पोस्टर का लगना सवाल उठाता है कि क्या यह किसी सुनियोजित योजना का हिस्सा था या इसे सिर्फ एक व्यक्ति विशेष की इज्जत में जारी किया गया था। इस मामले में पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।