Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा के बीच राजधानी इम्फाल में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के निजी आवास पर उग्र भीड़ के हमले और सांसदों, मंत्रियों के घरों पर हुए हमलों के आरोप में पुलिस ने 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई शनिवार को छह शव मिलने के बाद शुरू हुए उग्र विरोध प्रदर्शन के दौरान की गई। रविवार को स्थिति अपेक्षाकृत शांत रही, लेकिन राज्य में तनाव बरकरार है। सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र में मोर्चा संभालते हुए संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है।
100 से अधिक नाके और चेकपोस्ट लगाए गए
हिंसाग्रस्त इलाकों में आने-जाने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखने के लिए 100 से अधिक नाके और चेकपोस्ट बनाए गए हैं। पहाड़ी इलाकों में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। सुरक्षा बल यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि कोई भी हिंसा फिर से न भड़के।
मैतेई और कुकी समुदायों के बीच बढ़ता संघर्ष
मणिपुर में हिंदू मैतेई और ईसाई कुकी समुदायों के बीच मई 2023 से जारी संघर्ष ने अब तक कम से कम 250 लोगों की जान ले ली है। इस हिंसा के चलते 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। शनिवार को मिले छह शवों के बाद मैतेई समुदाय के प्रदर्शनकारियों ने इन हत्याओं के लिए जवाबदेही की मांग की। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि मृतक मैतेई समुदाय से थे और उन्हें अपहरण के बाद मार डाला गया।
नदी में मिले महिला और बच्चे के शव
रविवार को एक महिला और दो साल के बच्चे के शव नदी में पाए गए, जिनके बारे में माना जाता है कि वे मैतेई समुदाय से हैं। इसके अलावा, कुकी समुदाय के एक व्यक्ति का शव भी बरामद हुआ है। हालांकि, अधिकारियों ने कुकी व्यक्ति की मौत के कारण की पुष्टि नहीं की है, लेकिन इसे हिंसा से जोड़कर देखा जा रहा है।
महिला को जिंदा जलाने की घटना से भड़का तनाव
मणिपुर में तनाव तब और बढ़ गया जब पिछले हफ्ते कुकी समुदाय की एक 31 वर्षीय महिला को जिंदा जला दिया गया। इस घटना के लिए कुकी संगठनों ने मैतेई विद्रोहियों को जिम्मेदार ठहराया है। दरअसल मृतक शिक्षिका तीन बच्चों की मां थी और अपने समुदाय की एक सम्मानित व्यक्ति थीं। उनके शव के अवशेष उनके ही घर से बरामद हुए हैं, जिन्हें हमलावरों ने पहले बलात्कार का शिकार बनाया और फिर जला दिया।
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गिरफ्तार लोगों के पास से मिले हथियार
इसके अतिरिक्त, घरों में तोड़फोड़ और आगजनी करने वाली भीड़ के 23 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, इन गिरफ्तारियों को इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों से अंजाम दिया गया। उनके पास से एक .32 पिस्तौल, सात एसबीबीएल गोलियां और आठ मोबाइल फोन बरामद किए गए। प्रदर्शनकारियों का मुख्य निशाना स्वास्थ्य मंत्री सपाम रंजन, उपभोक्ता मामले मंत्री एल सुसिंद्रो सिंह और नगर प्रशासन मंत्री वाई खेमचंद थे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद और भाजपा विधायक आरके इमो भी उन व्यक्तियों में शामिल थे, जिनके घरों पर हमला किया गया।
इंटरनेट सेवाएं निलंबित, कर्फ्यू जारी
स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए राज्य के कई हिस्सों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू किया गया है। साथ ही, इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं। राज्य पुलिस के अनुसार, क्षेत्र में स्थिति फिलहाल शांत है, लेकिन यह कभी भी बिगड़ सकती है। मणिपुर में जारी हिंसा और अस्थिरता केंद्र और राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। इस संघर्ष ने न केवल प्रशासनिक क्षमता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि राज्य में शांति बहाली की प्रक्रिया को भी मुश्किल बना दिया है। सरकार को दोनों समुदायों के बीच विश्वास बहाल करने और शांति कायम करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए, समाधान की राह आसान नहीं दिखती।