Hathras Stampede Incident: हाथरस जिले के फुलरई गांव में प्रवचनकर्ता बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ के कार्यक्रम में मंगलवार को करीब ढाई लाख अनुयायी एकत्र हुए थे। इस दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई जिनमें अधिकतर महिलाएं हैं। अधिकतर अनुयायियों की मौत दम घुटने के कारण हुई। वहीं कई लोग अब भी घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं। हाथरस भगदड़ (Hathras) घटना में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस हादसे के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को दिल्ली के उत्तम नगर से गिरफ्तार कर लिया है। आपको बता दें कि हाथरस हादसे के बाद से ही देव प्रकाश मधुकर फरार था। इसके ऊपर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम भी रखा था। शनिवार (6 जुलाई) देव प्रकाश मधुकर को हाथरस कोर्ट में पेश किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक देव प्रकाश मधुकर ने जान बूझकर खुद की लोकेशन ट्रेस करवाकर खुद को गिरफ्तार करवाया। बता दें कि दिल्ली के उत्तम नगर में यूपी की हाथरस पुलिस पहुंची थी। जहां से देव प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया और यूपी ले जाया गया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने देव प्रकाश मधुकर से पूछताछ करनी शुरू कर दी है।
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मनरेगा में तकनीकी सहायक के पद पर है तैनात

देव प्रकाश एटा जिले में मनरेगा में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत है। वह काफी सालों से नारायण साकार हरि के सत्संगों से जुड़ा हुआ है। 10 साल पहले सिकंदराराऊ आते ही उसकी रूचि बाब में और ज्यादा बढ़ गई। वह भोले बाबा की मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति से जुड़ गया और बढ़चढ़ कर सत्संगों के कामों में भाग लेने लगा। उसकी लग्न और निष्ठा को देखते हुए उसे मुख्य सेवादार की जिम्मेदारी दे दी गई। 123 मौतों का मुख्य आरोपी मानते हुए पुलिस ने देव प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया है। मनरेगा में उसके खिलाफ सेवा समाप्ति की भी कार्रवाई की जा रही है।
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कौन हैं देव प्रकाश मधुकर?

देव प्रकाश मधुकर हाथरस का ही रहने वाला है। सिकंदरामऊ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला दमदमपुरा की न्यू कॉलोनी में उसका घर है। घटना के बाद से वो अपने पूरे परिवार के साथ फरार है। जिस सत्संग में यह हादसा हुआ उसका मुख्य आयोजनकर्ता यही था। सिकंदराराऊ में आते ही वह भोले बाबा की मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति से जुड़ गया और धीरे-धीरे सत्संग आयोजन से जुड़े कार्यों के प्रति लगन को देखते हुए देव प्रकाश को मुख्य सेवादार की जिम्मेदारी मिल गई। सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी में हुए सत्संग की अनुमति भी देवप्रकाश ने ही उपजिलाधिकारी सिकंदराराऊ से ली थी। सूत्रों के अनुसार देवप्रकाश की पत्नी रंजना को पुलिस ने हिरासत में लिया था जिसके बाद मधुकर की लोकेशन ट्रैक हो गयी थी।
इन धाराओं दर्ज हुआ था मुकदमा

- धारा 105- गैरइरादतन हत्या – पांच वर्ष से आजीवन कारावास।
- धारा 110- गैर-इरादतन हत्या का प्रयास- तीन वर्ष से सात वर्ष कारावास।
- धारा 126(2)- गलत तरीके से रोकने के लिए। एक महीने तक की अवधि के लिए साधारण कारावास या जुर्माना।
- धारा 223- लोकसेवक द्वारा प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा। – छह माह से एक वर्ष तक की सजा।
- धारा 238- अपराध के साक्ष्य को गायब करना- 10 वर्ष तक की सजा