महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है। यह दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विशेष अवसर होता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव के बारे में पवित्र वचन, भक्ति और व्रत रखने से भक्तों को अपार आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शिवरात्रि का उपवास, रात्रि जागरण और शिवलिंग पर विशेष पूजा करना भक्तों के लिए अति पुण्यकारी होता है। इस दिन की महत्वता को देखते हुए यह आवश्यक है कि हम शिवलिंग पर केवल शुद्ध और सात्विक चीजें ही अर्पित करें।लेकिन, कुछ चीजें हैं जिन्हें शिवलिंग पर भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ विशेष वस्तुएं हैं जो भगवान शिव को प्रसन्न नहीं करतीं और इनका अर्पण करने से महादेव नाराज हो सकते हैं। उनमें से कुछ महत्वपूर्ण वस्तुएं इस प्रकार हैं।
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तिल और सरसों का तेल

भगवान शिव की पूजा में तिल और सरसों के तेल का अभिषेक वर्जित माना जाता है। धार्मिक दृष्टि से तिल और सरसों का तेल शनि ग्रह से संबंधित होते हैं। चूंकि शनि ग्रह का प्रभाव अक्सर कष्टकारी माना जाता है, इसलिए इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से महादेव की कृपा नहीं मिलती। तेल को नकारात्मकता और क्रोध का प्रतीक माना जाता है, और इस वजह से शिवलिंग पर इसे अर्पित नहीं करना चाहिए।
नशीले पदार्थ
शिवलिंग पर किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ जैसे शराब, तंबाकू, या मांसाहारी आहार का अर्पण भी महादेव के रुष्ट होने का कारण बन सकता है। शिव पूजा में शुद्धता और सात्विकता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इन पदार्थों का अर्पण भगवान शिव को अपमानजनक और अनादर माना जाता है।

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फूलों का अत्यधिक प्रयोग
हालांकि भगवान शिव को फूल चढ़ाना शुभ होता है, लेकिन कुछ फूलों का उपयोग शिवलिंग पर नहीं करना चाहिए। जैसे कि गुड़हल और अन्य नकारात्मक प्रभाव डालने वाले फूलों को भगवान शिव पर अर्पित करना वर्जित माना जाता है। सबसे उत्तम है सफेद, लाल और पीले रंग के फूलों का उपयोग करना।
कटा हुआ नारियल

नारियल शिव पूजा में एक महत्वपूर्ण वस्तु है, लेकिन यह ध्यान रखें कि नारियल पूरा होना चाहिए। कटा हुआ या टूटा हुआ नारियल शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे पूजा का उद्देश्य अधूरा रहता है और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता।
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कचोरी और नमकीन
भगवान शिव को नमकीन और कचोरी जैसे खाद्य पदार्थ अर्पित नहीं करने चाहिए। इनका सेवन और अर्पण सात्विकता के खिलाफ माना जाता है। शिव पूजा में केवल शुद्ध और साधारण भोजन का ही अर्पण किया जाना चाहिए, जैसे कि फल, दूध, दही आदि।