अभिनेत्री प्रीति जिंटा (preity zinta) ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी की केरल इकाई पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संकटग्रस्त न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक से 18 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करवा लिया है और इसके बाद “अपने सोशल मीडिया अकाउंट भाजपा को दे दिए हैं”। प्रीति जिंटा ने कांग्रेस पर “घिनौनी गपशप” करने का आरोप लगाया और दावा किया कि यह कर्ज पहले ही 10 साल पहले चुकता किया जा चुका था।
प्रीति जिंटा का पलटवार
केरल कांग्रेस ने सोमवार को X पर एक पोस्ट साझा की थी, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि प्रीति जिंटा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट को भाजपा को दे दिया और 18 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करवा लिया। इसके बाद उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह बैंक डूब गया है और जमाकर्ता सड़कों पर हैं। इस पोस्ट को लेकर प्रीति जिंटा (preity zinta) ने मंगलवार को पलटवार किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट को खुद ही संचालित करती हैं और कांग्रेस द्वारा फैलाए गए “फर्जी खबरों” का विरोध किया।
preity zinta ने कहा… शर्म आनी चाहिए
प्रीति जिंटा (preity zinta) ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “नहीं, मैं अपने सोशल मीडिया अकाउंट खुद ही चलाती हूं। आपको फर्जी खबरों को बढ़ावा देने के लिए शर्म आनी चाहिए!” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बैंक से लिया गया कर्ज पूरी तरह से चुकता किया जा चुका है, और यह 10 साल पहले किया गया था। आपको बता दे, इस विवाद पर केरल कांग्रेस ने एक सामुदायिक नोट जारी किया, जिसमें कहा गया कि प्रीति जिंटा ने अपने ट्विटर हैंडल से यह स्पष्ट किया है कि कर्ज माफ करने का आरोप गलत था। इसके बाद कांग्रेस ने यह भी कहा कि अगर उनसे कोई गलती हुई हो तो वह उसे स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।
प्रीति जिंटा का सुचेता दलाल पर हमला

इस मामले में जिंटा ने मनीलाइफ (Moneylife) की संस्थापक पत्रकार सुचेता दलाल पर भी हमला किया, जिन्होंने इस मुद्दे पर पहले रिपोर्ट की थी। प्रीति जिंटा ने लिखा कि वह बड़े नाम होने से थक चुकी हैं और इस तरह की गलत सूचनाओं के खिलाफ कोर्ट में भी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि हम उन्हें ज़िम्मेदार ठहराना शुरू करें ताकि भविष्य में कुछ जवाबदेही हो।”
वहीं, बैंक के बारे में बात करते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 13 फरवरी को न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे। RBI ने बैंक की अनियमितताओं का हवाला देते हुए उसे नए ऋण जारी करने या मौजूदा ऋणों को नवीनीकरण से रोक दिया था। इसके अलावा, बैंक को नए निवेश या जमा स्वीकार करने और अपनी संपत्ति बेचने से भी रोक दिया गया था। 27 फरवरी से ग्राहकों को 25,000 रुपये तक की निकासी की अनुमति दी जाएगी।