लोकसभा चुनाव 2024 : आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी की नजरें बनी हुई हैं कि कौन कितना दांव मारेगा यह तो अभी तय नहीं किया जा सकता मगर चुनाव को लेकर जोरशोर की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बता दे कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अभी से सभी दलों ने तैयारी शुरू कर दी हैं और अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। वहीं अगर देखा जाए तो लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की राजनीति की सबसे बड़ी अहमियत होती है, क्योंकि यूपी में बाकी राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक यानि की 80 सीटें हैं।
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जानें विजय कुमार दुबे का जीवन और परिवार
यूपी के कुशी नगर से सांसद विजय कुमार दुबे एक भारतीय राजनीतिज्ञ और 17वीं लोकसभा से सांसद हैं। वह 2019 के भारतीय आम चुनाव में चुने गए। आपको बतादें कि सांसद बनने से पहले विजय कुमार 2001 में योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी में शामिल हो गए और एचयूवाई कुशीनगर के जिला समन्वयक बन गए, क्योंकि उन्होंने कड़ी मेहनत की थी, इसलिए संगठन कुशीनगर में मजबूत हो गया, जिसके विजय दुबे योगी आदित्यनाथ के काफी परिचित बन गए।
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बात करें विजय कुमार दुबे जीवन की तो वह कुशीनगर चुनाव क्षेत्र से सांसद है और भारतीय जनता पार्टी से जूड़े हैं।विजय कुमार दुबे का जन्म उत्तर प्रदेश के कुशी नगर, खड्डा क्षेत्र के मठिया बुजुर्ग गांव में हुआ था उनके पिता का नाम स्वर्गीय हरि प्रसाद दुबे हैं। विजय कुमार दुबे ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है। वहीं बात करें उनके वैवाहिक जीवन की तो विजय कुमार का विवाह रंजना दुबे से हुआ था, और उनके एक बेटा हैं।
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धर्मपत्नी और बेटे का राजनीतिक करियर
आपको बतादें कि कुशीनगर के बीजेपी पार्टी के और 17वीं लोकसभा से सांसद विजय कुमार दुबे की धर्मपत्नी रंजना दुबे 2010 से 2015 तक खड्डा की ब्लॉक प्रमुख रहीं, और उनके बेटे शशांक दुबे 2015 से 2020 तक नौरंगिया ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख थे और अब 2020 से खड्डा के ब्लॉक प्रमुख हैं।
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विजय कुमार दुबे राजनीतिक सफर
यूपी के कुशी नगर से सांसद विजय कुमार दुबे एक भारतीय राजनीतिज्ञ और 17वीं लोकसभा से सांसद रहे। वहीं बातकरें उनके राजनितीक कैरियर की तो वह 2001 में योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी में शामिल हो गए और एचयूवाई कुशीनगर के जिला समन्वयक बन गए, क्योंकि उन्होंने कड़ी मेहनत की थी, इसलिए संगठन कुशीनगर में मजबूत हो गया और वह योगी आदित्यनाथ के करीबी बन गए।
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वहीं जब 2007 में सपा सरकार ने योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर में गिरफ्तार कर लिया तब इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप कई हड़तालें हुईं। जिसमें विजय कुमार दुबे को एनएसए, आईपीसी 307 और कई अन्य आरोपों में गिरफ्तार कर हिरासत में लिया गया। बीजेपी की प्रति विजय कुमार की लोकप्रियता को देखते हुए 2009 में भाजपा ने उन्हें कुशीनगर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा उम्मीदवार घोषित किया, जिसमें वे हार गये।
जिसके बाद 2010 में वह बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए और 2012 में उन्होंने खड्डा विधानसभा से विधायक का चुनाव जीता। वहीं जब दोबारा वह 2016 में फिर से बीजेपी में लौटे तो 2019 में पार्टी ने घोषणा की वह सांसद उम्मीदवार होंगे, उन्होंने आम चुनाव जीता और वर्तमान में कुशीनगर के सांसद बनें।
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कुशीनगर लोकसभा सीट का इतिहास
कुशीनगर भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली के नाते पूरी दुनिया में पहचान बनी हुई है। मगर कुशीनगर लोकसभा सीट अस्तित्व में पहली बार 2008 में आई थी। बतादें कि इससे पहले यह क्षेत्र देवरिया में था फिर हाटा बना और फिर पडरौना बना जिसके बाद 2008 में कुशीनगर लोकसभा सीट अस्तित्व में आई।
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आपको बतादें कि 2008 में कुशीनगर अस्तित्व में आने के बाद 2009 में पहला चुनाव हुआ जिसमें बतौर कांग्रेसी उम्मीदवार रजतजीत प्रताप नारायण (आरपीएन सिंह) चुने गए। आरपीएन सिंह यूपीए राज में केंद्रीय मंत्री रहे। वह कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाते थे, मगर जब 2014 में मोदी लहर आई तब भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे राजेश पाण्डेय उर्फ गुड्डु ने उन्हें हरा दिया।
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वहीं जब दोबारा वह 2016 में फिर से बीजेपी में लौटे तो 2019 में पार्टी ने घोषणा की वह सांसद उम्मीदवार होंगे, बीजेपी ने 2019 में अपना उम्मीदवार बदलते हुए खड्डा से पूर्व विधायक रहे विजय दुबे को टिकट दिया और एक बार फिर ये सीट अपने खाते में कर ली। वहीं अब अगले साल यानि 2024 में कुशीनगर सीट पर चौथा लोकसभा चुनाव होना है जिसके लिए अभी से बीजेपी, सपा, बसपा और कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों कमर कस ली और चुनावी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। वहीं लोकसभा चुनाव को लेकर यह भी कयास लगाय जा रहा हैं कि अबकी बार मुकाबला कड़ा और बेहद दिलचस्प होने वाला हैं।
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जानें सियासत में कब-कब रही अटकले
एक समय ऐसा भी था जब कुशीनगर से भाजपा में प्रत्याशी चयन को लेकर तमाम अटकले लगाई जा रही थी मगर एक वक्त ऐसा आया जब भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने पूर्व विधायक विजय दुबे को कुशीनगर संसदीय क्षेत्र सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया। आपको बतादें कि साल 2002 में सीएम योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में आकर विजय कुमार दुबे ने हियुवा में शामिल होकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआात की थी। उन्हें वर्ष 2004 में हियुवा का जिला संयोजक बनाया गया।
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वहीं जब 2008 में कुशीनगर अस्तीत्व में आया तब साल 2009 के लोक सभा चुनाव में उन्हें भाजपा से कुशीनगर संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया गया और उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी आरपीएन सिंह से हार मिली थी। वहीं बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े स्वामी प्रसाद मौर्य दूसरे स्थान पर रहे। वहीं साल 2010 में विजय कुमार दुबे की पत्नी रंजना दुबे खड्डा ब्लॉक की प्रमुख बनी थी।
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वहीं साल 2012 के विधान सभा चुनाव में विजय कुमार दुबे खड्डा विधान सभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और वह विधायक चुने गए। साल 2016 में फिर वह भाजपा में वापसी किए तभी से वह लगातार भाजपा में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। वह भाजपा प्रदेश कार्य समिति, राष्ट्रीय परिषद में सदस्य भी है। बीजेपी ने 2019 में अपना उम्मीदवार बदलते हुए खड्डा से पूर्व विधायक रहे विजय दुबे को टिकट दिया और एक बार फिर ये सीट अपने खाते में कर जीत हासिल की।