Covaxin News: कोरोना महामारी से बचाव के लिए देश में बड़े पैमाने पर लोगों ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके लगवाए थे। लेकिन अब इन दोनो टीकों के साइड इफेक्ट सामने आने लग गए हैं।वहीं कोविशील्ड बनने वाली ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनिका ने पिछले दिनों वहां की एक अदालत में स्वीकार किया था कि उसके टीके से कुछ लोगों में गंभीर बीमारी हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ बात करें कोवैक्सीन की तो अब उसके भी साइड इफेक्ट सबके सामने आने लग गए हैं। कोविशील्ड को विकसित करने वाली ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनिका ने पिछले दिनों वहां की एक अदालत में स्वीकार किया था कि उसके टीके से कुछ लोगों में गंभीर बीमारी हो सकती है।
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कुछ साइड इफेक्ट बेहद गंभीर किस्म के
इसी तरह अपने देश में विकसित भारत बायोटेक कंपनी की वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के साइड इफेक्ट को लेकर एक रिपोर्ट आई है। इसमें दावा किया गया है कि इस वैक्सीन को लगवाने के करीब एक साल बाद तक ठीक ठाक संख्या में लोगों में इसके साइड इफेक्ट देखे गए है । इससे सबसे ज्यादा प्रभावित किशोर लड़कियां थीं। कुछ साइड इफेक्ट बेहद गंभीर किस्म के थे।
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किशोर लड़कियों पर पड़ा सबसे ज्यादा प्रभाव
आपको बता दें कि एक रिपोर्ट के मुताबिक एक साल बाद तक काफी लोंगो में इसके साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं। इनता ही नहीं इसका सबसे ज्यादा प्रभाव किशोर लड़कियों पर पड़ा है। जिसमें कुछ साइड इफेक्ट बेहद गंभीर किस्म के थे। इन वैक्सीन को लेकर एक ‘ऑब्जर्वेशनल स्टडी’ की गई थी जिसमें टीका लगवाने वाले एक तिहाई लोगों में ‘एडवर्स इवेंट्स ऑफ स्पेशल इंट्रेस्ट’ यानी एईएसआई पाया गया।
यह स्टडी रिपोर्ट स्प्रिंगर लिंक जर्नल में प्रकाशित हुई है। बता दें कि ये स्टडी बनारस हिंदू विश्वविद्याल की संखा शुभ्रा चक्रबर्ती और उनकी टीम ने किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार टीका लगवाने वाले अधिकतर लोगों में एक साल तक साइड इफेक्ट देखा गया। हालांकि, इस स्टडी में 1024 लोगों को शामिल किया गया। इन सभी लोगो से फॉलोअफ चेकअप के लिए संपर्क किया गया था।
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महिलाओं में पीरियड से जुड़ी परेशानी सामने आई
रिपोर्ट के मुताबिक कोवैक्सीन का साइड इफेक्ट युवा महिलाओं में भी देखा गया. 4.6 फीसदी महिलाओं में पीरियड से जुड़ी परेशानी सामने आई. 2.7 फीसदी में ओकुलर यानी आंख से जुड़ी दिक्कत दिखी. 0.6 फीसदी में हाइपोथारोइडिज्म पाया गया।
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एक साल बाद भी असर
वहीं चिंताजनक बात यह है कि वैक्सीन लगवाने के एक साल बाद जब इन लोगों से संपर्क किया गया तो इनमें से अधिकतर लोगों में ये बीमारियां मौजूद थीं।जिसमें यह भी कहा गया है कि कोवैक्सीन के साइड इफेक्ट का पैटर्न कोरोना की अन्य वैक्सीन के साइड इफेक्ट के पैटर्न से अलग है। ऐसे में उनका सुझाव है कि वैक्सीन के प्रभाव को गहराई से समझने के लिए और अधिक दिनों तक नजर रखने की जरूरत है।